एक्शन मोड में आरबीआई, रद्द कर दिया इस बैंक का लाइसेंस, एक NBFC पर लगाया जुर्माना, ये है वजह, पढ़ें पूरी खबर

आरबीआई ने बजाज हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के बाद एक और NBFC पर जुर्माना लगाया है। 6 फरवरी को एक बैंक का लाइसेंस भी रद्द कर दिया है। आइए जानें इस कार्रवाई के पीछे की वजह क्या है?

Manisha Kumari Pandey
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RBI Action News: फरवरी महीने में भी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का एक्शन बरकरार है। 1 फरवरी को आरबीआई ने 5 पर जुर्माना लगाया था, जिसके बाद केंद्रीय बैंक ने बजाज हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड पर भी पेनल्टी ठोकी थी। 6 फरवरी को आरबीआई ने एक सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द (Bank License Cancelled) कर दिया है। साथ ही नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड पर भारी-भरकम जुर्माना ठोका है। इस बात की जानकारी रिजर्व बैंक ने मंगलवार को दी है।

कहीं इस बैंक में आपका खाता तो नहीं?

आरबीआई जयप्रकाश नारायण नगरी सहकारी बैंक लिमिटेड बसमथनगर, महाराष्ट्र का लाइसेंस रद्द कर दिया है। साथ ही  सहकारिता आयुक्त सहकारी समितियां के रजिस्ट्रार (महाराष्ट्र) से भी बैंक को बंद करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि, “बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं है। ऐसे में बैंक बैंकिंग में नियमन अधिनियम 1949 की धारा 56 के साथ-साथ धारा 11(1) और धारा 22 (3) (डी) के प्रावधानों का अनुपालन नहीं करता। बैंक का बने रहना जमाकर्ताओं के लिए हानिकारक है।”

DICGC के प्रावधानों के तहत प्रत्येक जमाकर्ता जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम से 5 लाख रुपये मौद्रिक सीमा तक अपनी जमा राशि की जमा बीमा दावा कर सकता है।

इस NBFC के खिलाफ आरबीआई ने की कार्रवाई

रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने 6 फरवरी को जारी आदेश अनुसार LCR नियमों का उल्लंघन करने पर पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड पर 8.80 लख रुपये की पेनल्टी ठोकी है। कंपनी ने एनसीआर की गणना के लिए उच्च गुणवत्ता वाली तरल संपत्ति HQLA के रूप में अपात्र संपत्तियों को शामिल करने के परिणाम स्वरुप 31 मार्च 2022 तक 60% के निर्धारित तरल कवरेज अनुपात एलसीआर को बनाए नहीं रखा था। इस बात की जानकारी आरबीआई को मिलते ही कंपनी को एक नोटिस जारी किया गया। उसे कारण बताने की सलाह दी गई और पूछा गया “निर्देशों का पालन न करने पर उन पर जुर्माना क्यों न लगाया जाए?” प्रतिक्रिया के बाद ही कंपनी पर मौद्रिक जुर्माना लगाने का निर्णय लिया गया। आरबीआई ने स्पष्ट कर दिया है कि करवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है। कंपनी और ग्राहकों के बीच किए गए लेन-देन या समझौते की वैधता पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।


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