भारत में सिर्फ रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) को बैंक नोट जारी करने का अधिकार है। आरबीआई समय-समय पर वर्तमान गवर्नर के सिग्नेचर के साथ नए करेंसी नोट (New Currency Notes) जारी करता है। जिसका उद्देश्य मौद्रिक प्रणाली में एकरूपता सुनिश्चित करना है। 2016 के विमुद्रीकरण के बाद मार्केट में पूर्व गवर्नर ऊर्जित पटेल और शक्तिकांत दास के नोट देखने को मिलते हैं। जल्द ही मौजूदा आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा के हस्ताक्षर वाले करेंसी नोट भी सर्कुलेट होंगे।
इस साल केंद्रीय बैंक पांच नए नोटों का ऐलान किया। 4 अप्रैल को 10 रुपये और 500 रुपये के नए नोटों को लेकर नोटिस जारी किया है। वहीं मार्च में 100 रुपये और 200 रुपये के नए करेंसी की घोषणा की गई है। फरवरी में 50 रुपये के नए नोट जारी करने की बात कही गई थी। इन सभी नोटों में संजय मल्होत्रा के सिग्नेचर होंगे।
कैसा होगा डिजाइन?
10, 50, 10, 200 और 500 के नए नोटों को महात्मा गांधी सीरीज के तहत लॉन्च किया जाएगा। उनकी डिजाइन पुराने नोटों जैसी ही होगी। केवल आरबीआई गवर्नर के हस्ताक्षर में बदलाव देखने को मिलेगा।
पुराने नोटों का क्या होगा?
आरबीआई के इस फैसले के बाद कई लोगों को चिंता सता रही है कि उनके पुराने नोटों का क्या होगा? हालांकि इस मामले में नागरिकों को चिंतित होने की कोई जरूरत नहीं है। क्योंकि पुराने नोट भी प्रचलन में बने रहेंगे। इस संबंध में आरबीआई ने बयान भी जारी किया है। केन्द्रीय बैंक ने कहा कि आरबीआई द्वारा जारी 10, 50, 100, 200 और 500 रुपये मूल्य वर्ग के सभी बैंक नोट मुद्रा बने रहेंगे।
2000 रुपये के नोट पर भी अपडेट
अप्रैल महीने की शुरुआत में रिजर्व बैंक ने 2000 रुपये के नोटों को लेकर भी अपडेट साझा किया था। हालिया आँकड़े के मुताबिक अभी तक इस मूल्यवर्ग के 98.21% नोट वापस आ गए हैं। 31 मार्च 2025 को कारोबार की समाप्ति पर 6,366 करोड़ रुपये मार्केट में रह गए हैं। बता दें सरकार ने इन नोटों को 19 मई 2023 को बंद कर दिया था। हालांकि ये अभी वैध है। बैंकों में इन्हें वापस करने की प्रक्रिया 7 अक्टूबर 2023 तक जारी थी। अभी भी नागरिकों करेंसी को आरबीआई के 19 इश्यू ऑफिस में जाकर एक्सचेंज करवा सकते हैं।





