Silent Layoffs : वर्ष 2023 में, IT सेक्टर के कर्मचारियों ने अनेक चुनौतियों का सामना किया। विशेष रूप से छंटनी के दौर ने इस सेक्टर को गहरे प्रभाव से प्रभावित किया। कई बड़ी कंपनियों ने आमतौर पर नौकरियों में कटौती की घोषणा की, जिससे कई कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया। इसके अलावा, साइलेंट लेऑफ्स भी इस संकट का हिस्सा बना, जिसमें अब तक लगभग 20 हजार लोगों को नौकरियों से बाहर किया गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं आखिर क्या है यह Silent Layoffs जिसके कारण कमचारियों को इतना बड़ा नुकसान हुआ है।
कर्मचारियों के लिए मुश्किल समय है Silent Layoffs:
दरअसल छंटनी के नाम पर गुप्त आंकड़ों के साथ एक नया ट्रेंड आया है, जिसे हम साइलेंट लेऑफ्स कह सकते हैं। यह एक आम दृष्टि से देखने में तो आसान लगता है, लेकिन वास्तविकता में यह एक विपरीत प्रक्रिया है। इसमें कंपनी बिना पहले सूचित किए ही कर्मचारियों को बाहर कर देती है। आंकड़ों के अनुसार, आईटी सेक्टर में इस तरीके से लगभग 20 हजार कर्मचारियों को नौकरियों से बाहर किया गया है।
जानिए कैसे नौकरी से निकाला जा रहा?
वहीं कर्मचारी को बिना सूचना नौकरी से हटाने के मामले में एक नया मोड़ देखने को मिल रहा है, जहां कंपनियां सैलरी के रूप में निर्णय ले रही हैं। मनी कंट्रोल की मानें तो एक कर्मचारी को कंपनी से एक ईमेल मिला, जिसमें उन्हें एचआर टीम की वर्चुअल मीटिंग में शामिल होने के लिए कहा गया। मीटिंग में, उन्हें नौकरी छोड़ने के दो विकल्प दिए गए, जिसमें से एक विकल्प में उन्हें कंपनी से 4 महीने की सैलरी दी जाएगी। दरअसल ऐसा माना जा रहा है की कंपनी उन्हें तत्काल निर्णय लेने का कहती है। जिसके बाद कर्मचारी पैसे लेकर नौकरी छोड़ने का फैसला ले तो लेते हैं लेकिन बाद में उन्हें नै नौकरी मिला बेहद मुश्किल होता है।
और भी बढ़ सकता है यह आंकड़ा और बढ़ेगा:
दरअसल इस मामले में आईटी यूनियन ने बयान दिया कि इस स्थिति में आंकड़ा और भी बढ़ सकता है। कॉग्निजेंट ने भी कुछ कर्मचारियों को 3 महीने की सैलरी देकर घर भेजा है। पिछले कुछ महीनों में कॉग्निजेंट ने कई कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है। यूनियन के मुताबिक, यदि ऐसे ही कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया तो, यह आंकड़ा 20 हजार के भी पार हो सकता है। वहीं इस छंटनी की वजह से हर तरह की आईटी कंपनी में हलचल है। साइलेंट लेऑफ्स के इस तरीके में कर्मचारियों को कंपनी में ही नया काम तलाशने के लिए ही मात्र 30 दिन का समय मिल रहा है। इस दौरान, अगर कर्मचारी नए काम में सफल नहीं होता है, तो उसे अपनी इस नौकरी से हाथ धोना पड़ता है।