अप्रैल महीने से बदल रहे पीएफ और ब्याज से संबंधित ये नियम, ध्यान दें वरना होगा नुकसान

Amit Sengar
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। अगर आप EPF खाताधारक है तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी खबर है आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि निजी संस्थानों में काम करनेवाले लोग अपनी खून-पसीने की कमाई का कुछ हिस्सा अपने भविष्य के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) में जमा कराते हैं, रिटायरमेंट के बाद यही राशि उनके बुढ़ापे का सहारा बनती है, लेकिन केंद्र की मोदी सरकार ने कर्मचारी भविष्‍य निधि (EPFO) में सालाना 2.50 लाख रुपये से अधिक के योगदान पर टैक्‍स लगाने की योजना तैयार कर ली है, सरकारी कर्मचारियों के लिए राशि की यह सीमा पांच लाख रुपये निर्धारित की गई है, मगर अब नए आयकर नियमों के तहत, मौजूदा पीएफ खातों को एक अप्रैल 2022 से दो भागों में बांटा जा सकता है, कर (टैक्‍स) योग्‍य और गैर कर योग्‍य योगदान खाते.

जानिए, मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :

>> वित्त वर्ष 2021-22 के बजट प्रस्ताव के अनुसार कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) खाते में किसी व्यक्ति का सालाना योगदान अगर 2.50 लाख रुपये से अधिक रहता है तो उसे अधिक राशि पर मिलने वाले ब्याज पर कर छूट नहीं मिलेगी।

>> वहीं सरकारी कर्मचारियों के लिए 5 लाख रुपए की सीमा से अधिक राशि जमा करने पर अतिरिक्त राशि पर ब्याज टैक्स देना होगा।

>> हाल ही में केंद्र सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) जमा पर ब्याज दर इससे पिछले वित्त वर्ष की 8.5 प्रतिशत से घटाकर 8.1 फीसदी करने का प्रस्ताव शनिवार को किया गया, यह बीते 40 साल में सबसे कम ब्याज दर है, इससे पहले ईपीएफ पर ब्याज दर सबसे कम 8 फीसदी 1977-78 में थी।

>> भविष्य निधि खाता सेवानिवृत्ति कर्मचारियों के लिए बचत करने का एक शानदार तरीका है। EPFO खातों में कर्मचारी और नियोक्ता दोनों की मूल आय और महंगाई भत्ता 24% (12+12) के अनुपात में रखा जाता है। इस ईपीएफ खाते में जमा किए गए पैसे पर सरकार हर साल ब्याज तय करती है।

>> बता दें कि मौजूदा ब्याज दर 8.5 फीसदी है। इसका परिणाम उच्च सेवानिवृत्ति निधि में होता है। इसके अलावा, चक्रवृद्धि ब्याज इतनी अच्छी तरह से काम करता है कि 25 साल के निवेश से आप करोड़पति बन सकते हैं।

>> इन नए नियमों के तहत, केंद्र सरकार का उद्देश्‍य धनाढ्य यानी मोटा वेतन पाने वाले लोगों को सरकारी कल्‍याणकारी योजनाओं का लाभ लेने से रोकना है।

>> मोदी सरकार ने इससे पहले कहा था कि इस कदम से एक फीसदी से कम करदाता प्रभावित होंगे।

>> सीबीडीटी की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, कर्मचारियों के योगदान से पीएफ आय पर ढाई लाख रुपये वार्षिक से अधिक के नए नियम के लिए, आयकर नियम 1962 के तहत नए सेक्‍शन 9 डी को शामिल किया गया है, बता दें CBDT आईटी विभाग के लिए नीति तैयार करता है।

>> इसमें इस बात का भी जिक्र किया है कि 31 मार्च 2021 तक के सभी योगदानों को गैर कर योग्‍य योगदान (non-taxable contributions)माना जाएगा।

>> आमतौर पर गैर सरकारी नियोक्‍ता, मूल वेतन का 12 प्रतिशत हर माह ईपीएफ योगदान के रूप में काटते हैं, इसमें समान राशि जोड़कर EPFO में जमा की जाती है बता दें कि 20 से अधिक कर्मचारियों वाली किसी भी फर्म में प्रति माह 15,000 रुपये अधिक कमाने वाले कर्मचारियों के लिए ईपीएफ खाते अनिवार्य किए गए हैं।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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