UPI मर्चेन्ट पेमेंट के नियमों में बड़ा बदलाव, 1अप्रैल से इन लोगों के लिए लेन-देन हो जाएगा महंगा, देना होगा एक्स्ट्रा चार्ज

Manisha Kumari Pandey
Updated on -

UPI Users Alert: 1 अप्रैल से पैसों से जुड़े कई नियम बदलने वाले हैं। इस लिस्ट में अब यूपीआई यानि यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस भी शामिल हो चुका है। ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के लिए सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में इसका इस्तेमाल वर्तमान में हो रहा है। लेकिन यूजर्स को झटका देते हुए नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया में एक्स्ट्रा चार्जेस से संबंधित एक सर्कुलर जारी किया है।

1 अप्रैल से यूपीआई मर्चेन्ट पेमेंट करना और भी महंगा हो हो जाएगा। इन यूजर्स को फोनपे, जीपे और पेटीएम से पेमेंट करने पर चार्ज देना होगा। सर्कुलर में प्लेटफ़ॉर्म से मर्चेन्ट ट्रांजैक्शन पर फीस लगाने का सुझाव दिया गया है। अगले महीने से मर्चेन्ट के साथ होने वाली लेन-देन पर एक्स्ट्रा चार्ज का भुगतान करना होगा। ये सरचार्जेस 0.5 फीसदी से लेकर 1.1 फीसदी तक हो सकते हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक UPI के जरिए 2,000 रुपये से अधिक के पेमेंट पर 1.1 फीसदी प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट यानि PPI लगाने की सिफारिश की गई है। NPCI के मुताबिक 1 अप्रैल से नए लागू करने के बाद 30 सितंबर 2023 से पहले समीक्षा की जाएगी। साथ ही फ़ार्मिंग और टेलिकॉम सेक्टर से सबसे कम इंटरचेंज फीस लिया जाएगा। वहीं सबसे ज्यादा चार्ज व्यापारियों को पेमेंट करने वाले यूजर्स को देना पड़ेगा। वहीं बैंक अकाउंट और पीपीआई वॉलेट के बीच कोई भी एक्स्ट्रा चार्ज नहीं होगा।

 


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है। अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News