यूपीआई से जुड़े नियमों (UPI Rules) में एक और बदलाव होने जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यूपीआई मर्चेन्ट पेमेंट्स के लोए “कलेक्ट कॉल” लेनदेन को खत्म कर सकता है। सर्विस को चरणबद्ध तरीके से बंद किया जाएगा। इसे “Pull Payment” के नाम से भी जाना जाता है।
डिजिटल पेमेंट में बढ़ रहे फ्रॉड के मामलों को देखते हुए एनपीसीआई ने यह कदम उठाया है। ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिसमें स्कैमर्स फर्जी वेबसाइट बनाकर पुल ट्रांजेक्शन का फायदा उठाकर गैर-मौजूदा प्रॉडक्ट्स या सर्विस प्रदान करते हैं और स्कैम को अंजाम देते हैं।

क्या है पुल पेमेंट?
पुल पेमेंट में व्यापारियों को ग्राहकों से भुगतान का अनुरोध करने की अनुमति मिलती है। इसमें यूजर्स यूपीआई ऐप के जरिए पेमेंट को मंजूरी देते हैं। पहले यह प्रोसेस आम था। लेकिन साइबर अपराधियों ने इसे टारगेट बनाया और ठगी करने लगे। इसलिए अब बैंकिंग अधिकारी “Push” पेमेंट यानि QR कोड स्कैन या अन्य सुरक्षित तरीकों को महत्व दे रहे हैं। अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस नियम के लागू होंगे से यूजर्स के खाते से बिना सत्यापन पैसे निकालने का खतरा कम होगा।
क्या यूजर्स पर पड़ेगा प्रभाव?
पुल पेमेंट का प्रचलन कम हो गया है। यूपीआई पेमेंट में 3% से कम हिस्सा देखा गया है। ऑनलाइन मर्चेन्ट और अन्य व्यापारी भी यूपीआई इंटिग्रेशन को अपना चुके हैं। यह भुगतान का ऑप्शनल मेथड बन चुका है। पहले ही एनपीसीआई पुल पेमेंट की सीमा 2,000 रुपये तक निर्धारित कर चुका है। हालांकि