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Sun, Dec 14, 2025

Admission In B.Ed and M.Ed : एमपी में B.Ed और M.Ed में एडमिशन के लिए पहली सूची हुई जारी, एकमुश्त करना होगी छात्रों को फीस जमा

Written by:Rishabh Namdev
Admission In B.Ed and M.Ed : बीएड और एमएड में दाखिले की पहली सूची जारी हो चुकी है। इसके साथ ही प्रवेश प्रक्रिया की शुरुआत भी कर दी गई है। छात्रों को इसकी फीस एकमुश्त जमा करनी होगी।
Admission In B.Ed and M.Ed : एमपी में B.Ed और M.Ed में एडमिशन के लिए पहली सूची हुई जारी, एकमुश्त करना होगी छात्रों को फीस जमा

Admission In B.Ed and M.Ed : मध्य प्रदेश में बीएड (Bachelor of Education) और एमएड (Master of Education) में दाखिले की पहली सूची जारी हो चुकी है। इसके साथ ही प्रवेश प्रक्रिया की शुरुआत भी कर दी गई है। हालांकि, पहली सूची में 70 प्रतिशत अंक हासिल करने वाले छात्रों को भी प्रवेश नहीं दिया गया हैं। इसके साथ ही छात्रों के लिए और परेशानी की वजह यह भी हो सकती है कि उन्हें इसकी फीस एकमुश्त जमा करनी होगी।

दरअसल इस लिस्ट में जिन स्टूडेंट्स का नाम आया है, उन स्टूडेंट्स को अपनी फीस एकमुश्त ही जमा करनी पड़ेगी। जिसके चलते अब उनके सामने यह एक बड़ी चुनौती हो सकती है। जानकारी दे दें कि इससे पहले छात्रों को तीन किस्तों में फीस भरने का समय दिया जाता था। दरअसल एकमुश्त फीस को लेकर अब आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के सामने एक परेशानी खड़ी हो गई हैं। वहीं फीस जमा करने की आखिरी तारीख 25 मई निर्धारित की गई है।

25 मई तक जमा करें शुल्क:

जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा विभाग के निर्देश के बाद, बीएड और एमएड के छात्रों में असमंजस है कि वे कॉलेज की इतनी बड़ी फीस जो की करीब 35 से 40 हजार रुपये है की फीस कैसे जमा करें। उच्च शिक्षा विभाग ने जानकारी दी है कि पहली सूची में आवंटित सीटों के लिए शुल्क 25 मई तक जमा किया जाना चाहिए। इस तारीख के बाद, अगर फीस नहीं जमा की गई, तो उनका प्रवेश रद्द कर दिया जाएगा।

इसके बावजूद, प्रवेश के समय अधिकांश छात्रों ने आधा शुल्क ही जमा करने के नियम को जानकर ही इसकी तैयारी की थी। लेकिन, एक ही बार में पूरा शुल्क जमा करने के निर्देश से उनकी आर्थिक स्थिति में परेशानी हो रही है।

इन छात्रों को होगी ज्यादा दिक्कत:

दरअसल इसका मुख्य कारण है कि ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले छात्रों के लिए फीस का भुगतान करना एक चुनौती हो सकती है। वे प्रवेश प्राप्ति के बाद 15 से 20 हजार रुपये की आधी फीस का भुगतान कर सकते हैं, लेकिन पूरी फीस का भुगतान करने के लिए तैयार नहीं हैं। इससे उन्हें आर्थिक कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि इस स्थिति में, कॉलेज के प्रबंधक भी छात्रों की समस्या को समझने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इसमें कोई दखल नहीं है क्योंकि प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन हो रही है।