UGC UG New Framework : यूजीसी द्वारा छात्रों के लिए बड़ी तैयारी की गई है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा अंडर ग्रेजुएट स्तर पर पर्यावरण शिक्षा के लिए मसौदा तैयार कर लिया गया। इसके दिशानिर्देश और पाठ्यक्रम की रूपरेखा भी तैयार कर जारी कर दी गई है। विकास लक्ष्य में पर्यावरण संरक्षण और संसाधन संरक्षण से जुड़े विषय को शामिल किया गया है।
मामले में यूजीसी के अध्यक्ष जगदीश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत पर्यावरण शिक्षा को पाठ्यक्रम का अभिन्न अंग बनाने और इसके संरक्षण और सतत विकास के प्रति पर्यावरण जागरूकता और संवेदनशीलता को प्रोत्साहन करने को महत्व दिया गया है। प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, इको सिस्टम से लेकर प्राकृतिक संसाधन को बचाने की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किया जा रहा है। इसी कारण से यूजीसी द्वारा ग्रेजुएशन लेवल पर पर्यावरण शिक्षा को नया कार्यक्रम तैयार किया गया है। जिसे सभी छात्रों को पढ़ना होगा।
जगदीश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि स्नातक स्तर पर पढ़ाई कर रहे छात्रों को पर्यावरण से जुड़े मुद्दे को जानना होगा और उनके कोर्स में शामिल किया जाएगा। प्रधानमंत्री द्वारा 2022 में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से हमारे पर्यावरण को सुरक्षित करने के लिए एक वैश्विक आंदोलन और मिशन लाइफ लांच किया गया है। ऐसे में पर्यावरण को लेकर जागरूकता में सभी को अहम भूमिका निभानी होगी।
कुल 4 क्रेडिट तय
इकोसिस्टम बायोडायवर्सिटी, प्रदूषण की समस्या को कोर्स में शामिल किया गया। प्रदूषण कितने प्रकार के होते हैं, इससे निपटने की जरूरी कदम सहित अन्य जलवायु परिवर्तन और इसके असर पर भी महत्वपूर्ण गाइडलाइन तैयार की गई है। छात्रों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर केस स्टडी के बारे में पढ़ाया जाएगा। इस कोर्स के लिए कुल 4 क्रेडिट तय किए गए हैं।
2017 में चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के तहत था पर्यावरण शिक्षा
नई शिक्षा नीति 2020 सभी उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए लचीले और नए पाठ्यक्रम के माध्यम से समग्र और बहु विषयक शिक्षा की भी वकालत कर रही है। ऐसे में सामुदायिक जुड़ा और सेवा, पर्यावरण शिक्षा और मूल्य आधारित शिक्षा के क्षेत्र में क्रेडिट आधारित पाठ्यक्रम और परियोजनाएं शामिल रहेंगी। बता दें कि इससे पहले 2003 में यूजीसी ने सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर स्नातक स्तर पर पर्यावरण अध्ययन के अनिवार्य कार्यान्वयन के लिए एक और पाठ्यक्रम जारी किया था। 2017 में चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के तहत योग्यता वृद्धि अनिवार्य पाठ्यक्रम तैयार किया गया था।