UGC Foreign University : यूजीसी द्वारा नई तैयारी की गई है। इसके तहत भारत में विदेशी उच्च शिक्षण संस्थानों के परिसर की स्थापना की जाएगी। वही इसका लाभ छात्रों को मिलेगा। शिक्षण संस्थानों की स्थापना को लेकर आने वाले टिप्पणी, सुझाव और प्रतिक्रिया जमा करने की अंतिम तिथि को बढ़ा दिया गया है।
यूजीसी के सचिव रजनीश जैन ने सोमवार को सूचना जारी की। जिसमें कहा गया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से विदेशी उच्च शिक्षण संस्थानों की स्थापना संचालन के मसौदे तैयार किए जाएंगे। इसके लिए ही सुझाव आमंत्रित की गई है। 3 फरवरी 2023 तक टिप्पणी दी जा सकेगी। मसौदा विनियम पर सुझाव प्रतिक्रिया प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि बढ़ाने के लिए अनुरोध के मद्देनजर यह काम किया गया है। अब 3 फरवरी 2023 तक लोग इस पर अपने सुझाव दे सकेगी।
नई शिक्षा नीति 2020 के तहत विदेशी उच्च शिक्षण संस्थानों के परिषद के स्थापना के लिए मसौदा तैयार किया जाएगा। जिसके लिए दिशानिर्देशों को सूचित किया गया है और सुझाव और प्रतिक्रिया आमंत्रित की गई है। यूजीसी द्वारा स्पष्ट किया गया है कि कार्यक्रम को ऑनलाइन मोड में संचालन नहीं किया जाएगा। इसका संचालन ऑफलाइन मोड में ही किया जाएगा और दुनिया के शीर्ष विश्वविद्यालय भारत में संचालित होंगे। इसके लिए सुविधा प्रदान की जाएगी।
यह होंगे निर्देश
मामले में यूजीसी के अध्यक्ष जगदीश कुमार का कहना है कि विनियमन के साथ विदेशी उच्च शिक्षण संस्था यूजीसी से अनुमोदन के बाद भारत में परिसर स्थापित करने की पात्रता रखेंगे। भारत में स्थापित करने के लिए उन्हें विशेष आवश्यकताओं को पूरा करना अनिवार्य होगा। साथ ही विदेशी विश्वविद्यालय को भी समग्र विशिष्ट विश्वव्यापी रैंकिंग के शीर्ष 500 रैंकिंग में शामिल होना होगा।
यूजीसी द्वारा जारी दिशानिर्देश के तहत आवेदक विश्वविद्यालय छात्र तक पहुंचने के लिए अपनी प्रोस्पेक्टस को प्रकाशित करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं उनकी वेबसाइट पर शुल्क संरचना सहित सीटों की संख्या, पात्रता, प्रवेश परीक्षा और धन वापसी नीति की जानकारी भी शामिल करवाई जाएगी। साथ ही प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने के 60 दिन पहले प्रोस्पेक्टस उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा। फिलहाल ये विश्वविद्यालय 10 वर्षों के लिए 40 वर्षों के लिए प्रारंभिक स्वीकृति मिलने के साथ ही कुछ शर्तों को पूरा करने के बाद में विश्वविद्यालय को नवीनीकृत किया जाएगा।