Career Tips: ट्रैवल और टूरिज़्म क्षेत्र में बना सकते हैं बेहतरीन करियर, इन कॉलेजों में ले सकते हैं एडमिशन

Manisha Kumari Pandey
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Career Tips: यदि आपको भी घूमने में रुचि है और इस क्षेत्र में अपना करियर बनाने चाहते हैं तो यह खबर आपके बेहद काम सकती है। देश में पर्यटन सेक्टर का विकास लगातार हो रहा है। कई नए पर्यटन स्थल की घोषणा भी भी बजट के पेशकश के दौरान की गई है। भविष्य में इस क्षेत्र रोजगार के अवसर भी बढ़ने वालें। वहीं भारत की जीडीपी में भी इसका अहम योगदान होता है। कोरोना महामारी के बाद इसमें और भी अधिक तेजी देखी गई। अगले सात सालों में देश में ट्रैवल और टूरिज़्म सेक्टर में 14 करोड़ जॉब्स सृजित करने का टारगेट है।

ऐसे हैं जॉब्स

भारत की संस्कृति, विविधता, प्राकृतिक सुंदरता, संगीत और आर्ट हमेशा देश-विदेश के लोगों को आकर्षित करता है। सरकार “स्वदेश दर्शन-2” योजना के तहत गाँवों तक भी पर्यटन को पहुँचाने की कोशिश कर रही है। युवाओं को इस सेक्टर में टूरिज़्म मैनेजर, ट्रैवल कंसल्टेंट, इनबाउन्ड टूर मैनेजर, टूरिज़्म रिलेशनशिप मैनेजर, ट्रैवल बुकिंग एग्जीक्यूटिव, ऑपरेशंस मैनेजर, ट्रैवल काउन्सलर, सेल्स मैनेजर और अन्य कई नौकरियों का ऑप्शन मिलता है। इसकी शुरुआत अप टूर गाइड या ट्रैवल एजेंट के रूप में भी कर सकते हैं।

यहाँ कर सकते हैं पढ़ाई

टूरिज़्म सेक्टर से जुड़े कई पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं। जो देश के जाने-माने विश्वविद्यालयों द्वारा भी प्रदान की जाती है। 12वीं के बाद आप इनमें से किसी भी कोर्स का चयन कर सकते हैं। इस लिस्ट में स्नातक और डिप्लोमा की कई डिग्री भी शामिल हैं। MBA/BBA (ट्रैवल एण्ड टूरिज़्म), ट्रैवल एंड टूरिज़्म मैनेजमेंट, हॉस्पीटैलिटी एंड ट्रैवल मैनेजमेंट और अन्य कॉर्सेस उपलब्ध हैं। बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी, केन्द्रीय विश्वविद्यालय (जम्मू), केन्द्रीय विश्वविद्यालय (धर्मशाला), जामिया मिल्लिया इस्लामिया और क्राइस्ट यूनिवर्सिटी (बेंगलुरू) इन क्षेत्र से जुड़े कॉर्सेस छात्रों को देते हैं।


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पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है।अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

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