भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश की MP School पहली और दूसरी कक्षा के छात्रों (students) के लिए महत्वपूर्ण सूचना है। इस संबंध में राज्य शिक्षा केंद्र (RSK) ने दिशा-निर्देश जारी कर दिए जाए। दिशा निर्देश के तहत अब शासकीय स्कूल पहली और दूसरी कक्षा के बच्चों को उत्तर पुस्तिका के माध्यम से परीक्षा नहीं देनी होगी। इसके लिए बच्चों को मौखिक और अभ्यास पुस्तिका से मूल्यांकन (valuation) कराया जाएगा। इसमें भी इन्हें अंक और ग्रेड नहीं देंगे बल्कि इनके सीखने की क्षमता का आंकलन करना तय किया गया है।
राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा ने नीति पर दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। प्रदेश अशासकीय स्कूलों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क लागू किया गया है। जिसके कारण सभी शासकीय स्कूलों में पहली और दूसरी कक्षा के बच्चों की परीक्षा नहीं ली जाएगी। इन बच्चों की कक्षाओं में अभ्यास पुस्तिका और गतिविधि आधारित पढ़ाई करवाए जाने का फैसला लिया गया है।
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इसके सीखने से बच्चों की क्षमता का परीक्षण किया जाएगा हिंदी गणित और अंग्रेजी के अभ्यास पुस्तिका में लिखित रूप से बच्चों से कार्य करवाए जाएंगे इनके मूल्यांकन के आधार पर बच्चे के लिए नवीन प्रगति पत्रक बांटे जाएंगे। निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा अधिनियम के तहत बच्चों के सतत और व्यापक मूल्यांकन किए जाने का प्रावधान आरटीई 2009 में किया गया था।
हालांकि अब बच्चों को अंक और ग्रेड नहीं दिए जाएंगे। राज्य शिक्षा केंद्र संचालक धनराजू एस ने इस संबंध में स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि पहले दूसरी कक्षा के बच्चों को परीक्षा से नहीं गुजरना होगा। उनके सीखने की क्षमता को विकसित किया जाएगा और इस दिशा में कार्य किए जाएंगे।