NEET UG 2024: नीट यूजी परीक्षा की आंसर-की आज जारी गई है। अब अगले चरण में 14 जून को नतीजे घोषित होंगे। ऐसे में आइए जानते है कि उम्मीदवारों को एडमिशन किस आधार पर मिलता है। वहीं एडमिशन कट-ऑफ और क्वालीफाइंग कट-ऑफ दोनों में क्या अंतर होता है।
दो तरह का बनता है कट-ऑफ
नीट यूजी 2024 परीक्षा के लिए दो तरह के कट-ऑफ बनते है। जिसमें से एक होता है एडमिशन कट-ऑफ और दूसरा होता है क्वालीफाइंग कट-ऑफ। क्वालीफाइंग कट-ऑफ वह अंक होते हैं जिसके आधार पर यह बताया जाता है कि किसी उम्मीदवार ने नीट परीक्षा पास कर ली है। वहीं एडमिशन कट-ऑफ वह अंक होते हैं जिसकी जरूरत किसी भी संस्थान में, किसी भी कोर्स में एडमिशन के लिए पड़ती है।
एडमिशन के लिए है कई बेसिस
उम्मीदवारों को नीट परीक्षा में पास होने के लिए क्वालीफाइंग कट-ऑफ की जरूरत पड़ती है, लेकिन एडमिशन के लिए एडमिशन कट-ऑफ में आना भी जरूरी है। वहीं अपने मनपसंद कोर्स में एडमिशन लेने के लिए बहुत से बेसिस पर ध्यान दिया जाता है जैसे- कुल कितने स्टूडेंट्स थे, हाईऐस्ट कितना गया आदि। नीट कट-ऑफ क्राइटेरिया के आधार पर ही काउंसलिंग प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाता है। काउंसलिंग प्रक्रिया नेशनल लेवल और स्टेट लेवल दोनों ही स्तर पर रिलीज किया जाता है।
कैटेगरी के हिसाब से बनता है कट-ऑफ
नीट यूजी परीक्षा के लिए कट-ऑफ हर कैटेगरी का अलग-अलग बनता है। जनरल कैटेगरी के लिए अलग कट-ऑफ, ओबीसी, एससी और एसटी कैटेगरी के लिए अलग, जनरल पीएच श्रेणी के लिए अलग कट-ऑफ वहीं एससी, एसटी, ओबीसी – पीएच कैटिगरी के लिए अलग कट-ऑफ बनता है।
रैंक के आधार पर मिलता है कॉलेज
बता दें कि सिर्फ नीट परीक्षा पास कर लेने से ही मनपसंद कॉलेज या कोर्स में एडमिशन नहीं मिल जाता है। ये एडमिशन ऑल इंडिया रैंक पर निर्भर करता है और ये रैंक नेशनल और स्टेट दोनों लेवल पर रिलीज की जाती है। वहीं गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज और प्राइवेट मेडिकल कॉलेज दोनों में एडमिशन के लिए ही कट-ऑफ अलग-अलग जाता है।