NEET UG Rules: छात्रों के लिए जरूरी खबर, बदल गए नीट यूजी से जुड़े कई नियम, यहाँ जानें

नीट यूजी से जुड़े कई नियमों में बदलाव किया है। यदि आप इस साल मेडिकल प्रवेश में शामिल होने वाले हैं तो इन नियमों को जान लें।

Manisha Kumari Pandey
Published on -
neet ug 2024

NEET UG Rules: डॉक्टर बनने के सपने को पूरा करने के लिए हर साल लाखों छात्र नीट यूजी परीक्षा के लिए आवेदन करते हैं। इस प्रवेश परीक्षा के तहत देशभर के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों एवं संस्थानों में MBBS, BDS, BAMS, BUMS इत्यादि स्नातक मेडिकल प्रोग्राम के लिए अभ्यर्थियों का दाखिला होता है। इस बार 25 लाख से अधिक उम्मीदवारों से एन्ट्रेंस एग्जाम के लिए रजिस्ट्रेशन किए हैं। 5 मई को परीक्षा का आयोजन होगा। आवेदन प्रक्रिया 16 मार्च 2024 तक जारी है। इस साल नीट यूजी के जुड़े नियमों में कई बदलाव हुए हैं। इस लिस्ट में वेबसाइट में बदलाव से लेकर टाइ-ब्रेकिंग के नए शामिल हैं।

Tie-Breaking के नए नियम जारी

एनटीए ने नीट यूजी परीक्षा में  उम्मीदवारों की रैंक तय करने के लिए नया टाई-ब्रेकिंग नियम लागू कर दिया है। जिसके तहत विषयों में अंक या पर्सेंटाइल सामान होने पर कम्युटर लॉटरी के तहत उम्मीदवारों की रैंक या मेरिट लिस्ट जारी नहीं की जाएगी।

पात्रता से जुड़े नए नियम

नीट यूजी के पात्रता से जुड़े नियमों में भी बड़ा बदलाव हुआ है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत अब ओपन स्कूल के छात्र भी मेडिकल प्रवेश परीक्षा में शामिल हो पाएंगे। इसके अलावा 12वीं में मुख्य रूप से बायोलॉजी न बढ़ने वाले छात्रों भी नीट यूजी परीक्षा में बैठने की अनुमति होगी।

परीक्षा के पैटर्न में भी हुआ बदलाव

नीट यूजी परीक्षा अब 3 घंटे और 20 मिनट तक आयोजित होगी। अभ्यर्थियों को प्रत्येक विषय के लिए दो सेक्शन में से एक में प्रश्नों का उत्तर देने का विकल्प दिया जाएगा। कैंडीडेट्स सेक्शन बी के 15 प्रश्नों में से किसी भी 10 को अटेम्प्ट कर सकते हैं। वहीं सेक्शन ए में कुल 35 प्रश्न होंगे।

 


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है।अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News