UGC PhD Admission 2023 : यूजीसी द्वारा छात्रों के लिए महत्वपूर्ण तैयारी की गई है। शैक्षणिक नीति में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। यूजीसी द्वारा कॉलेज डिग्री और पीएचडी सहित अन्य उच्च शिक्षा के लिए प्रवेश परीक्षा और मानदंड में संशोधन किया गया है। 2022 में यह संशोधन अनुसूचित किया गया था। वहीं वर्ष 2023 से पीएचडी में प्रवेश की प्रक्रिया को बदला गया है।
पीएचडी की प्रवेश के जल्दी नोटिफिकेशन जारी
पीएचडी की प्रक्रिया में कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए। जूनियर रिसर्च फैलोशिप अभ्यर्थियों के लिए शोध की राह अब आसान की गई है। राज्य विश्वविद्यालय शैक्षणिक सत्र 2022 23 के पीएचडी की प्रवेश के जल्दी नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। जेआरएफ उम्मीदवारों को 100 नंबर के इंटरव्यू देना अनिवार्य होगा।
उन्हें इंटरव्यू के आधार पर पीएचडी में प्रवेश दिया जाएगा जबकि सामान्य अभ्यर्थी और नेट क्वालिफाइड को संयुक्त शोध प्रवेश परीक्षा में बैठना अनिवार्य किया गया। 70 के लिखित परीक्षा के साथ ही 30 नवंबर के इंटरव्यू के साथ कुल 100 अंकों की परीक्षा आयोजित की जाएगी। लिखित परीक्षा इंटरव्यू में मिले अंक पर उनके प्रवेश किए जाएंगे।
264 सीटों पर पीएचडी में प्रवेश
इससे पूर्व पीआरएसयू और एडेड सहित राजकीय कॉलेज में 264 सीटों पर पीएचडी में प्रवेश लिया जाना है। कैंपस में 52, कॉलेज में 212 सीट में उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा। अगले सप्ताह इसके लिए नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। इसके तहत विश्वविद्यालय परिसर के अलावा हेमवती नंदन बहुगुणा राजकीय कॉलेज प्रयागराज, कुलभास्कर आश्रम पीजी कॉलेज प्रयागराज, भवंस मेहता कॉलेज कौशांबी, भीमराव अंबेडकर राजकीय महिला कॉलेज फतेहपुर, और एमडीपीजी कॉलेज प्रतापगढ़ में पीएचडी की प्रक्रिया पूरी होगी।
वहीं वर्ष 2023 पीएचडी प्रवेश के लिए भी यूजीसी नियमों में बदलाव किया है।
कुछ महत्वपूर्ण बदलाव निम्नांकित है :
- पीएचडी कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए अनिवार्य मानदंड के रूप में मास्टर ऑफ फिलॉसफी (एम.फिल) को बंद करना है।
- इसके साथ ही नए नियम के तहत छात्र एक साल के मास्टर्स और चार साल के अंडरग्रेजुएट (यूजी) प्रोग्राम के बाद पीएचडी कर सकेंगे।
- इसके साथ ही दो साल के मास्टर्स और तीन साल के यूजी को पूरा करने के बाद डॉक्टरेट की डिग्री के लिए सीधे आवेदन कर सकते हैं।
- वहीँ यूजीसी ने अंशकालिक पीएचडी की अनुमति दी है, इससे पूर्व इसे 2009 और 2016 के नियमों के तहत बंद कर दिया गया था।
- नए नियमों के अनुसार, छात्र या कामकाजी पेशेवर अंशकालिक आधार पर पीएचडी कर सकते हैं,
- छात्रोंको अपनी कम्पनी से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लाना अनिवार्य होगा, NOC में कहा गया हो कि उन्हें पढ़ाई के लिए समय दिया जाएगा।
- यूजीसी ने पीएचडी थीसिस जमा करने से पहले पीयर रिव्यूड जर्नल्स में शोध के अनिवार्य प्रकाशन की बाध्यता में भी ढील दी है।
- दरअसल शोधार्थियों द्वारा अपने पत्रों को पत्रिकाओं में प्रकाशित कराने के लिए भुगतान करने की प्रथा पर अंकुश लगाने के लिए यह कदम उठाया गया है।