24 घंटे में दो मौतें, कांग्रेस नेता और रेलकर्मी ने हारी कोरोना के खिलाफ जंग

Gaurav Sharma
Published on -
पूर्व सांसद

होशंगाबाद/इटारसी,राहुल अग्रवाल। कोरोना वायरस का कहर चरम पर है। जिले के  इटारसी के कोविड सेंटर में 24 घंटे में दूसरी मौत हुई है। जबकि दो दिन पहले भोपाल में भर्ती इटारसी के वरिष्ठ भाजपा नेता का भी निधन हो गया था। पहले बाहर से आने वाले लोग , फिर पुलिसकर्मी , डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मी, अब व्यापरी भी कोरोना की चपेट में आते जा रहे है। आज इटारसी कोविड केयर सेंटर में भर्ती इटारसी स्टेशन पर कार्यरत पार्सल पोर्टर विष्णु प्रसाद का कोरोना संक्रमण के चलते निधन हो गया। कल रात को उनको रेलवे अस्पताल से रेफर करा कर इटारसी के कोविड केयर सेंटर में एडमिट कराया गया था।

रेलवे कर्मचारियों के लिए रेलवे अस्पताल में व्यवस्था होनी चाहिए

आज सुबह जब उनकी तबीयत ज्यादा खराब हुई तो भोपाल में कौन से अस्पताल में बेड खाली है और जाने की क्या व्यवस्था होगी । इसी असमंजस में कर्मचारी ने अपना दम तोड़ दिया। बताया जाता है कि यह कोरोना पॉजिटिव डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी चिकित्सालय के कोविड सेंटर में विकलांग रेलकर्मी विष्णु प्रसाद उइके उम्र 40 वर्ष की कोरोना पॉजिटिव के कारण दुखद मृत्यु हो गई है। उनका अंतिम संस्कार स्थानीय श्मशान घाट में कोरोना प्रोटोकॉल के तहत सुरक्षा से किया जाएगा।

कांग्रेस नेता की कोरोना से मौत

वही कल जिले के कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और नालंदा एजुकेशन सोसायटी पचमढ़ी के पूर्व चेयरमैन एवं मध्य प्रदेश शिक्षक कांग्रेस के पूर्व उपाध्यक्ष एपी तिवारी का 90 वर्ष की आयु में इटारसी में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी चिकित्सालय के कोविड केयर सेंटर में निधन हो गया, वो भी कोरोना संक्रमित थे।


About Author
Gaurav Sharma

Gaurav Sharma

पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

Other Latest News