मध्यप्रदेश में फूटा कोरोना बम, पहली बार 1500 के पार पहुंची पॉजिटिव संख्या

Gaurav Sharma
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कृषि मंत्री

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट।मध्यप्रदेश (madhya pradesh) में रविवार (sunday) का दिन कोरोना (corona) को लेकर और डराने वाली तस्वीर सामने लेकर आया। मध्य प्रदेश में जहां सरकार (government) लगातार यह दावा कर रही है कि वह कोरोना को किल कोरोना (kill corona) अभियान से कंट्रोल करने की भरसक कोशिश कर रही है ,रविवार को कुल 1,558 कोरोना पॉजिटिव पाए गए। इन्हें मिलाकर मध्यप्रदेश में अब कुल कोरोना पॉजिटिव की संख्या 62,444 हो गई है। कोरोना के चलते अब तक 1,374 जाने जा चुकी है। इन सबके बीच एक सुखद खबर यह भी है कि कुल 47,467 लोग अब तक कोरोना से ठीक होकर घर वापस जा चुके हैं और नए एक्टिव केस मात्र 13,592 है ।

रविवार को सबसे ज्यादा नए मामले इंदौर में सामने आए जहां 265 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए। दूसरे नंबर पर ग्वालियर में 218 भोपाल में 176 और जबलपुर में 138 मरीज कोरोना पॉजिटिव पाए गए। इसके अलावा शिवपुरी मे 57 ,उज्जैन में 52, अलीराजपुर में 40 और विदिशा में 36 मरीज कोरोना पॉजिटिव पाए गए। भारी बारिश के चलते सरकार की यह दोहरी परेशानी हो गई है कि वह कोरोना से निपटे या फिर बाढ से।

हालात यह है कि भोपाल के सबसे बड़े कोविड सेन्टर चिरायु अस्पताल में ही बारिश के चलते पानी भर गया है और भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना पॉजिटिव न थमने का सबसे बङा कारण राजनेताओं के क्षेत्रों में लगातार दौरे हैं जहां सोशल डिस्टेंसिंग की लगातार धज्जियां उड़ाई जा रही है और इसके चलते कहीं ना कहीं कोरोना का संक्रमण तेजी के साथ फैल रहा है।

इसका उदाहरण ग्वालियर चंबल संभाग ही है जहां पर ग्वालियर में आंकड़ा 200 के पार हो गया है ।वहीं दतिया, शिवपुरी और मुरैना में भी काफी बड़ी संख्या में कोरोना पॉजिटिव सामने आ रहे हैं जिसका साफ कारण पिछले दोनों बीजेपी का हुआ कार्यकर्ता सम्मेलन रहा है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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