कोविड का बढ़ता ग्राफ, करने लगा हैरान! रेवती रेंज और सेंट्रल जेल में कोविड के मामले बढ़े

Gaurav Sharma
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इंदौर, आकाश धोलपुरे। जिले में अगस्त माह के बाद सितंबर के आगाज पर कोरोना ने डबल सेंचुरी लगा दी है। मंगलवार रात को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय जिला इंदौर द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक इंदौर 1 सितंबर को 243 पॉजिटिव केस सामने आए है। इंदौर में कोविड – 19 नोडल अधिकारी अमित मालाकार के मुताबिक इंदौर में कोरोना के कुल पॉजिटिव केस 13,493 तक पहुंच गए, वही अब तक कोरोना से जंग लड़कर स्वास्थ्य होने वाले लोगो की संख्या 9,393 हो चुकी है। इसके अलावा इंदौर में वर्तमान में 3,698 पॉजिटिव मरीजों का इलाज जारी है, जिनमे से एक तिहाई मरीजों का होम आइसोलेशन में इलाज जारी है।

वही नोडल अधिकारी डॉ. अमित मालाकार ने बताया कि अनलॉक होने के बाद से शहर में आवागमन बढ़ा है, जिसके चलते सोशल मिक्सिंग बढ़ी है, यही वजह है जो संक्रमण के मामले तेजी से सामने आ रहे है। वही उन्होंने बताया कि इंदौर के रेवती रेंज के साथ ही सेंट्रल जेल में भी कोरोना का प्रभावी हुआ है।

सेंट्रल जेल में कुछ कैदी संदिग्ध पाए गए थे, जिनका रैपिड एंटीजन टेस्ट कराने के बाद वो पॉजिटिव पाए गए। नोडल अधिकारी ने बताया कि सेंट्रल जेल में कल 19 कैदी पॉजिटिव पाए गए है। परसो 3 कैदी और जेल स्टाफ के 5 कर्मचारी पॉजिटिव पाए गए थे। जिसके बाद सेंट्रल जेल के 22 कैदियों को असरावद स्थित अस्थायी जेल में रखा गया है जहां उनका इलाज जारी है।

इसके अलावा उन्होंने बताया कि अपृष्ट तौर रेवती रेंज में 49 केस सामने आए और वहां प्रशासन की निगरानी में लगातार जांच जारी है। वही उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के बैक हेंड मैनेजमेंट को देखने वाले 3 कर्मचारियों को फिलहाल, होम आइसोलेशन में रखा गया हालांकि उनमे ज्यादा लक्षण नहीं दिखे इसलिये उन्हें अस्पताल में एडमिट नहीं कराया गया है। इधर, नोडल अधिकारी डॉक्टर अमित मालाकार ने इंदौर में बढ़ते संक्रमण के मामलो कि बड़ी वजह बताते हुए कहा की लोगों द्वारा कोरोना के प्रति लापरवाह रवैया रखना और कोविड मानकों का ठीक ढंग से पालन न करना भी संक्रमण को बढ़ावा दे रहा है।

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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