शिवपुरी, शिवम पाण्डेय। एक तरफ जहां बढ़ते कोरोना संक्रमण (Corona infection) को रोकने के लिए जनता सरकार का साथ दे रही है, तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो सरकार और लोगों की मेहनत को मिट्टी पलीद करने में पीछे नहीं हट रहे हैं। ताजा मामला शिवपुरी (Shivpuri) के जिला अस्पताल का है जहां से चार कोरोना संक्रमित मरीज अस्पताल स्टाफ को चकमा देकर भाग निकले। इसके बाद पूरे अस्पताल में हड़कंप मच गया।
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जानकारी के अनुसार 3 अप्रैल को चारों मरीजों की संक्रमित होने की पुष्टि के बाद उन्हें जिला अस्पताल (District Hospital) के आइसोलेशन वार्ड (Isolation ward) में भर्ती किया गया था, जहां से देर रात चारों संक्रमति मरीज भाग निकले। मामले की जानकारी तब लगी जब रात्रि के समय अस्पताल का वार्ड बॉय मरीजों को देखने गया। उसने देखा कि चारों मरीज वहां से नदारद हैं। इसकी जानकारी वार्डवॉय ने अस्पताल प्रबंधन को दी। सूचना मिलते ही वहां हड़कंप मच गया जिसके बाद पुलिस और रैपिड रिस्पांस टीम (Rapid response team) को यह जानकारी दी गई। मरीजों के भागने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने कोतवाली में शिकायत दर्ज करवाई कि 3 अप्रैल को जिला अस्पताल में चार लोगों को कोरोना पॉजीटिव होने के चलते जिला अस्पताल में आइसोलेट किया गया था और इनका उपचार किया जा रहा था। 5 अप्रैल को शाम के समय बिना अस्पताल प्रबंधन को सूचना दिए चारों कोरोना मरीज आंखों में धूल झोंक कर भाग गए। जब इस बात की जानकारी प्रबंधन को लगी तो उन्होंने आसपास तथा कोरोना पीड़ित मरीजों के घर पर जाकर देखा लेकिन वह नहीं मिले।
संक्रमितों के खिलाफ एफआईआर दर्ज
जब अस्पताल प्रबंधन द्वारा चारों मरीजों को हर तरफ ढूंढा गया और वह नहीं मिले तो इसके बाद कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज करवाई गई। जहां पुलिस ने धारा 188, 269 व 270 भादवि के तहत केस दर्ज कर लिया है। इस पूरे घटनाक्रम के बाद अस्पताल प्रबंधन सवालों के घेरे में आ गया है क्योंकि वहां बड़ी संख्या में सिक्योरिटी गार्ड भी मौजूद रहते हैं और अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर हर माह लाखों रूपए का खर्च भी किया जाता है।
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