Global Handwashing Day : कौन है रिया ? जिसकी UNICEF और सीएम शिवराज ने की तारीफ

Gaurav Sharma
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riya handwashing station

झाबुआ, डेस्क रिपोर्ट। विश्व भर (world wide) में लोग कोरोना महामारी (corona epidemic) से पीड़ित है। कोरोना संक्रमण (corona infection) के आकड़े दुनिया भर में आए दिन इजाफा कर रहे है। कोरोना वायरस (corona virus) से बचने के लिए कुछ गाइडलाइन्स जारी की गई है, जिसमें से हाथ धोना यानि की हैंड वॉश (hand wash) करना बहुत जरुरी है। हर साल 15 अक्टूबर को गोबल लेवल पर हाथों की सफाई को लेकर गोबल हैंडवॉशिंग डे (Global Handwashing Day) मनाया जाता है। गोबल हैंडवॉशिंग डे (Global Handwashing Day) मनाने का मकसद लोगों को हाथों की सफाई रखकर आंख, त्वचा , डायरिया जैसी बीमारियों से बचाव के लिए जगरूक करना है।

कोरोना काल  (corona era) ने गोबल हैंडवॉशिंग डे (Global Handwashing Day) का महत्व और बढ़ा दिया है। कोरोना वायरस ने हाथों की सफाई रखने के लिए हाथों को धोते रहने की प्रवृत्ति को और बढ़ा दिया है। डॉक्टरों का कहना है कि रोजाना हमारे हाथों में ना जाने कितने जर्मस (germs) लग जाते है जो कि दिखाई तो नहीं देते पर हमारे स्वस्थ्य के लिए काफी हानिकारक होते है। ये जर्मस हमारे हाथों में किसी भी वस्तु को छूने से लगते है। वहीं बिना हाथ धोए खाने-पीने से वो जर्मस शरीर के अंदर चले जाते है, जोकि अनेकों बिमारियों को जन्म देते है।

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कोरोना काल में हाथ धोने की महत्वता को देखते हुए झाबुआ (jhabua) जिले के नौगवां गांव की रहने वाली रिया ने हैंडवॉशिंग स्टेशन (handwashing station) बनाया है। रिया के इस नवोन्मेष (innovation) को यूनिसेफ इंडिया (UNICEF India) द्वारा फ़ीचर्ड किया गया है। ट्वीटर के जरिए रिया की तारीफ करते हुए यूनिसेफ (UNICEF) ने लिखा कि मध्य प्रदेश से रिया द्वारा इस उज्ज्वल नवाचार किया गया – एक सुरक्षित सामुदायिक हैंडवाशिंग स्टेशन जो कि बोतलों, लकड़ी के लॉग और बांस की छड़ी से बनाया गया है। उसके नवाचारों को पड़ोसी गांवों में भी दोहराया गया है।

 

रिया के इस नवाचार की सीएम शिवराज (CM Shivraj) ने भी तारीफ की है। सीएम शिवराज (CM Shivraj) ने ट्वीट पर लिखा कि ‘बहुत अच्छा रिया! यह एक बेहतरीन DIY आइडिया है। इसका उपयोग ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर किया जा सकता है। कीप आईटी उप!’

 

 


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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