नेटफ्लिक्स की IC 814 सीरीज में हो सकता है बदलाव, आईबी मंत्रालय के साथ मीटिंग में खुलासा

नेटफ्लिक्स की IC 814 सीरीज में बदलाव संभव है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय के साथ हाल ही में हुई मीटिंग में इस पर चर्चा की गई।

IC 814

IC 814 Web Series: सूचना प्रसारण मंत्रालय और नेटफ्लिक्स के कंटेंट हेड के बीच हाल ही में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में प्लेटफार्म पर उपलब्ध कंटेंट को लेकर विचार विमर्श किया गया। इसी दौरान नेटफ्लिक्स के अधिकारियों ने भारतीय दर्शकों की भावनाओं का सम्मान करते हुए कंटेंट अपलोड करने का आश्वासन दिया।

आपको बता दें, यह बैठक खासतौर पर ‘IC 814’ वेब सीरीज को लेकर आयोजित की गई थी। इस दौरान नेटफ्लिक्स के अधिकारियों ने ‘IC 814’ वेब सीरीज में इस्तेमाल किए गए कंटेंट को लेकर मिली शिकायतों के बारे में भी बताया। यह भी कहा कि शिकायतों की गंभीरता से समीक्षा की जा रही है और उचित कार्यवाई की जाएगी।

नेटफ्लिक्स कंटेंट की जांच जारी

सूत्रों के अनुसार नेटफ्लिक्स की टीम इस मामले की गहराई से लगातार जांच कर रही है। ‘IC 814’ में इस्तेमाल किए गए कंटेंट को भी ध्यान में रखा गया है। सरकार ने इस वेब सीरीज के अपहरणकर्ताओं के चित्रण को लेकर उठे विवाद के बाद नेटफ्लिक्स के कंटेंट प्रमुख को सोमवार को बुलाया था। सरकार की पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्लेटफार्म पर अपलोड किए गए कंटेंट भारतीय दर्शकों की भावनाओं और संवेदनाओं के प्रति संवेदनशील हो।

क्या हैं असली मुद्दा

असल विवाद IC 814 वेब सीरीज में इस्तेमाल किए गए नामों से शुरू हुआ है। यह सीरीज 1999 में हुए विमान अपहरण की घटना पर आधारित है। जिसमें अपहरणकर्ताओं को कोड नाम के डॉक्टर, बर्गर, भोला और शंकर के साथ पेश किया गया है। इस वेब सीरीज को लेकर विवाद तब खड़ा हुआ जब ‘भोला’ और ‘शंकर’ नाम का इस्तेमाल किया गया। इन दो नाम को लेकर लोगों ने निर्देशक अनुभव सिन्हा पर आरोप लगाया कि उन्होंने इस तथ्य को उजागर नहीं किया कि अपहरणकर्ता मुस्लिम आतंकवादी थे और उनमें से दो ने हिंदू नाम का इस्तेमाल किया था। जिस वजह से यह वेब सीरीज विवादों में घिर गई।

बॉयकॉट नेटफ्लिक्स कर रहा ट्रेंड (#BoycottNetflix)

वेब सीरीज IC 814 के खिलाफ गुस्से की एक बड़ी लहर सोशल मीडिया पर भी देखने को मिली। जहां बॉयकॉट नेटफ्लिक्स और बॉयकॉट बॉलीवुड जैसे # हैशटैग ट्रेंड कर रहा है। कई यूजर्स ने पोस्ट शेयर किए हैं जिसमें यह आरोप लगाया है की फिल्म निर्माता ने जानबूझकर अपहरण कर्ताओं के नाम बदलकर शंकर और भोला रख दिए हैं।

 


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं। मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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