फिल्म ‘बधाई दो’ का गाना ‘हम रंग हैं’ दे रहा एक महत्वपूर्ण संदेश

Amit Sengar
Published on -

नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। राजकुमार राव और भूमि पेडनेकर की फिल्म ‘बधाई दो’ हाल ही में सिनेमाघरों में रिलीज हुई जो दो हफ्ते बाद भी बॉक्स ऑफिस पर जोरदार धमाल मचा रही है फिल्म की कहानी दर्शकों और क्रिटिक्स को काफी पसंद आई है। वैलेंटाइन डे पर दर्शकों के लिए यह फिल्म एक अच्छा ऑप्शन साबित हुई है।

यह भी पढ़े…MP में बढ़ेंगे रोजगार के साधन, MNREGA को लेकर CM Shivraj के अधिकारियों को बड़े निर्देश

हम आपको बता दें कि निर्माता, और फिल्म के कलाकार एक पारिवारिक मनोरंजन के लिए सबका दिल जीत रहे हैं वहीं फिल्म में कॉमेडी होते हुए भी फिल्म मुद्दे का मजाक नहीं उड़ाती है, बल्कि यह मैसेज देती है कि समाज को ऐसे लोगों को घृणा से देखने के बजाय उन्हें समझने की कोशिश करना चाहिए साथ ही रूढ़ियों को तोड़ने के लिए फिल्म की सराहना भी की जा रही है।

यह भी पढ़े…MP News: शिवराज सरकार की बड़ी तैयारी, अधिकारियों को मिले निर्देश – शीघ्र पूरा हो यह काम

फिल्म में म्यूजिक काफी अच्छा है इस फिल्म का शीर्षक गीत (तनिष्क बागची) काफी लोकप्रिय हो चुका है वहीं ‘हम रंग हैं’ गीत (song hum rang hain) के बोल वरुण ग्रोवर के हैं और इस गाने को अमित त्रिवेदी ने कंपोज किया है और इसे शाशा तिरुपति, नकाश अजीज और अमित त्रिवेदी ने गाया है साथ ही हितेश सोनिक का बैक ग्राउंड स्कोर कॉमेडी को और भी उभारता है।

यह भी पढ़े…MP School : बच्चों के लिए CM Shivraj की घोषणा, स्कूल शिक्षा विभाग को सौंपी गई जिम्मेदारी

इस गाने के नाम से पता चलता है, कि यह गीत रिश्तों के जीवंत रंगों को व्यक्त करता है और फिल्म के सबसे पसंदीदा दृश्य को भी प्रदर्शित करता है जो कि गौरव परेड है यह गौरव परेड इतने बड़े पैमाने पर दिखाने वाली बॉलीवुड की पहली फिल्म ‘बधाई दो’ है जिसमें परेड के इस दृश्य ने सबके दिल को छू लेने वाले में से एक कहा जा रहा है जो निश्चित रूप से आपके रोंगटे भी खड़े कर देगा। दर्शकों ने इसे सोशल मीडिया पर शेयर किया, और गौरव परेड को देखते हुए दर्शकों ने जयकारें और तालियों के वीडियो भी साझा किए हैं। फिल्म ‘बधाई दो’ का निर्देशन हर्षवर्धन कुलकर्णी ने किया है।


About Author
Amit Sengar

Amit Sengar

मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

Other Latest News