सरकार ने इन कर्मचारियों को दिया तोहफा, मिलेगा Bonus, कैबिनेट में बड़ा फैसला

Kashish Trivedi
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7th pay commisssion

नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। 7th pay commission रेलवे कर्मचारियों के लिए यह त्योहारी सीजन बेहद शानदार होने वाला है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज 7th pay commission रेलवे कर्मचारियों को “उत्पादकता से जुड़े बोनस” (PLB) को मंजूरी दे दी। घोषणा के अनुसार, अराजपत्रित रेल कर्मचारियों को वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और रेलवे सुरक्षा विशेष बल (RPSF) को छोड़कर बोनस के रूप में 78 दिनों का वेतन मिलेगा।

कैबिनेट ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए रेल कर्मचारियों को उत्पादकता से जुड़े बोनस को मंजूरी दी। रेलवे कर्मचारियों को 78 दिनों के पीएलबी के भुगतान का वित्तीय निहितार्थ 1984.73 करोड़ रूपए होने का अनुमान लगाया गया है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag thakur) ने कैबिनेट ब्रीफिंग के दौरान कहा कि इस फैसले से लगभग 11.56 लाख अराजपत्रित रेलवे कर्मचारियों को लाभ होने की संभावना है।

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प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने यह निर्णय लिया। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट ब्रीफिंग के दौरान कहा कि इस फैसले से लगभग 11.56 लाख अराजपत्रित रेलवे कर्मचारियों को लाभ होने की संभावना है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने यह निर्णय लिया।

कैबिनेट की बैठक के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि रेलवे कर्मचारियों को 78 दिनों के पीएलबी के भुगतान का वित्तीय निहितार्थ 1984.73 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। और 11.56 लाख अराजपत्रित कर्मचारी इस निर्णय से लाभान्वित होंगे और रेलवे के प्रदर्शन में सुधार की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित होने की उम्मीद है।

प्रति पात्र रेलवे कर्मचारी देय अधिकतम राशि 78 दिनों के लिए 17,951 रुपये है। पात्र रेलवे कर्मचारियों को पीएलबी का भुगतान प्रत्येक वर्ष दशहरा की छुट्टियों से पहले किया जाता है। इस साल भी छुट्टियों से पहले इसे लागू कर दिया जाएगा।

पीएलबी शुरू करने वाला रेलवे पहला मंत्रालय

रेलवे केंद्र सरकार का पहला मंत्रालय था जहां 1979-80 में पीएलबी की अवधारणा पेश की गई थी, जिसे दो मान्यता प्राप्त संघों, ऑल इंडिया रेलवेमेन फेडरेशन और नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमेन के परामर्श से और कैबिनेट की मंजूरी के साथ विकसित किया गया था। इस योजना में हर तीन साल में समीक्षा की परिकल्पना की गई है। उस समय मुख्य विचार अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन में बुनियादी ढांचे के समर्थन के रूप में रेलवे की महत्वपूर्ण भूमिका थी।


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