वर्तमान में कर्मचारियों के फिटमेंट फैक्टर 2.57 फीसद है इसी के आधार पर उनकी वेतन की गणना की जाती है वहीं से बढ़ाकर 3.68% करने की तैयारी की जा रही है। कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में इजाफा किया जाता है तो उनकी बेसिक सैलरी बढ़कर 18000 से 26000 हो जाएगी। हालांकि इसके लिए लेवल के मुताबिक बेसिक सैलरी का आकलन किया जाएगा।
दरअसल केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन पे मैट्रिक्स, फिटमेंट फैक्टर, महंगाई भत्ता सहित HRA और ट्रैवल अलाउंस को जोड़कर तैयार किए जाते हैं। फिलहाल 1 जनवरी 2016 से कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग का लाभ दिया जा रहा है। सातवें वेतन आयोग में हर विभाग केपेमैट्रिक के हिसाब से पेमेंट तैयार किए जाएंगे। पेमैट्रिक से अलग-अलग पे स्केल भी तैयार किए हैं। जिसके हिसाब से सैलरी की गणना की जाती है।
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सातवें वेतन आयोग लागू होने के बाद कर्मचारियों के वेतन में बड़ा बदलाव हुआ था। तब उनके सैलरी में 14% की वृद्धि देखी गई थी। यदि अब एक बार फिर से फिटमेंट फैक्टर में वृद्धि होती है तो कर्मचारियों के बेसिक सैलरी में इजाफा देखने को मिलेगा। जिसे केंद्र सरकार के 52 लाख से अधिक कर्मचारी लाभान्वित होंगे।हालांकि फिलहाल सरकार की तरफ से इस को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
फिलहाल कर्मचारियों की न्यूनतम वेतन की सीमा 18000 रूपए रखी गई है। वहीं कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18000 रूपए से बढ़कर 26000 रूपए तक हो जाता है तो DA वृद्धि के साथ उनके वेतन में वृद्धि देखी जाएगी। एक तरफ जहा level-1 के कर्मचारियों को फिलहाल 18000 रूपए का लाभ मिल रहा है। लेबल 18 के लिए 2.5 लाख रुपए प्रति महीने है। इसमें आने वाले समय में और अधिक इजाफा देखने को मिलेगा।
8वे वेतन आयोग को लेकर इस तरफ जहां कर्मचारी संगठनों में चर्चा शुरू हो गई। दूसरी जब सरकार ने फिलहाल स्पष्ट किया है कि अभी 8वां वेतन आयोग या कोई नया वेतन आयोग नहीं आएगा। उदाहरण के लिए शासकीय कर्मचारी अगर किसी विभाग में पे मैट्रिक्स लेवल 3 के अंतर्गत आते हैं तो उनके बेसिक मूल वेतन 21700 रूपए हैं। वहीं 38% की दर से उनके महंगाई भत्ता 8246 रूपए होते हैं जबकि अन्य भत्ते को मिलाकर उनकी सैलरी 40700 तक होती है।