ग्वालियर, अतुल सक्सेना। 12 सूत्रीय मांगों को लेकर 30 जून से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गई नर्सेस सरकार की बेरुखी से आहत होकर पिछले दिनों उन्हें दिये गए कोरोना वारियर सम्मान वापस कर रही हैं। ग्वालियर में हड़ताली नर्सेस ने सम्मान स्वरूप उन्हें दिये गए प्रशस्ति पत्र धरना स्थल पर रख लिए हैं जिन्हें वे कलेक्टर को सौपेंगी।
पिछली 12 मई से 12 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रही मध्यप्रदेश की नर्सेस बार बार ज्ञापन और चेतावनी के बाद मांगे नहीं माने जाने से नाराज होकर 30 जून से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली गई हैं। हड़ताल का आज तीसरा दिन है। लेकिन अभी तक शासन प्रशासन के किसी भी व्यक्ति ने हड़ताली नर्सेस से बात नहीं की। जिससे नर्सेस में बहुत गुस्सा है।
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नाराज नर्सेस ने ग्वालियर में आज शुक्रवार को उन्हें दिये गए कोरोना सम्मान लौटा दिये। नर्सेस ने कहा कि ऐसे झूठे सम्मान का हम क्या करेंगे। यदि शासन प्रशासन हमारा सम्मान करना चाहता है तो हमारी जायज सभी मांगों को मान ले।
नर्सेस ने कहा कि छत्तीसगढ़, राजस्थान जैसे राज्य नर्सेस को सेकंड ग्रेड लंबे समय से दिया जा रहा है लेकिन मध्य प्रदेश सरकार नर्सेस को नहीं दे रही। उन्होंने सवाल किया कि क्या छत्तीसगढ़, राजस्थान की नर्सेस कोई अलग काम करती है?
नर्सेस ने कहा कि हम सभी लोग हमें म कोरोना वारियर सम्मान के साथ मिले प्रशस्ति पत्र अभी धरना स्थल पर इकट्ठे कर रहे हैं फिर कलेक्टर को इन्हें सौंप देंगे। नर्सेस ने साफ कर दिया है कि उनकी हड़ताल तब तक वापस नहीं होगी जबतक उनकी मांगे नहीं मान ली जातीं।