जबलपुर, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट (MP High court) की तरफ से मध्यप्रदेश कर्मचारियों (MP Employees) को एक बार फिर से बड़ी राहत मिल सकती है। दरअसल शासन के आदिवासी कल्याण लिए स्वास्थ विभाग में पदस्थ असिस्टेंट कमिश्नर सत्येंद्र कुमार मरकाम को हाई कोर्ट ने अवमानना नोटिस जारी किए हैं। कर्मचारियों के वेतन विवाद (Employees salary-pay scale)को लेकर यह नोटिस जारी किया गया वहां से 3 सप्ताह के भीतर जवाब मांगे गए हैं।
बता दे कि इस बार यदि अनुशासनहीनता हुई होगी तो है कोर्ट की तरफ से इस मामले में कार्रवाई की जाएगी। ज्ञात हो कि 9 फरवरी 2022 को हाईकोर्ट ने अपने फैसले में सहायक आयुक्त को निर्देश दिए थे कि सामान्य प्रशासन के 7 अक्टूबर 2016 के परिपत्र के अनुसार कर्मचारियों को नियमित वेतनमान का लाभ दिया जाए। हालांकि आदेश का पालन नहीं होने पर आदिवासी स्कूल में कार्यरत कर्मचारियों ने हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की थी।
याचिकाकर्ता की ओर से हाई कोर्ट में दलील पेश करते हुए वकील सुशील मिश्रा, रामजी चौबे और प्रदीप यादव ने अपना पक्ष रखा। जिसमें दलील दी गई कि कर्मचारी 2003 के बाद से मध्यप्रदेश शासन में सेवारत हैं। वहीं सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 7 अक्टूबर 2016 में परिपत्र जारी किया गया था। जिसमें चतुर्थ श्रेणी के स्थाई कर्मचारियों को नियमित वेतनमान का लाभ देने के आदेश जारी किए गए थे। हालांकि छतरपुर जिले के कर्मचारियों को 20 जुलाई 2021 को जारी आदेश अनुसार लाभ दे दिया गया है।
वही चतुर्थ श्रेणी के स्थाई कर्मचारियों के नियमित वेतनमान को लेकर कर्मचारी संगठन द्वारा 31 अगस्त को सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग को अभ्यावेदन प्रस्तुत किया गया था जबकि सिवनी कलेक्टर विभाग के आयुक्त भोपाल को भी अभ्यावेदन पेश किए गए थे। कार्रवाई नहीं होने के बाद हाईकोर्ट के आदेश अनुसार भी याचिकाकर्ताओं ने 17 और 23 फरवरी को पुनर्विवाह को अभ्यावेदन लिया लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। जिसके बाद अवमानना याचिका दायर की गई थी। अब मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने आदिवासी कल्याण विकास विभाग ने सिवनी में पदस्थ असिस्टेंट कमिश्नर सत्येंद्र कुमार मरकाम को अवमानना नोटिस जारी कर दी है।