जबलपुर, डेस्क रिपोर्ट। अनुकंपा नियुक्ति पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है।हाईकोर्ट ने सरकारी कर्मचारी के परिवार में अनुकंपा नियुक्ति को अवैध करार दिया है यानि यदि परिवार का कोई एक सदस्य शासकीय कर्मचारी है तो दूसरे सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति का अधिकार नहीं मिलेगा।
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दरअसल, शहडोल जिले के गोरतरा निवासी अश्वनी कुमार पांडे की ओर से एक अपील दायर की गई, जिसमें उनके अधिवक्ता रजनीश गुप्ता ने अपना पक्ष रखते हुए बताया था कि अश्वनी कुमार पांडे के पिता पुलिसकर्मी थे और उनका सेवा के दौरान निधन हो गया, इसके बाद अश्वनी ने अनुकम्पा नियुक्ति के लिए विभाग को आवेदन दिया था, जिसे निरस्त कर दिया गया है।लेकिन हाईकोर्ट की एकलपीठ द्वारा इस याचिका की चुनौती को 5 अप्रैल 2022 को निरस्त कर दिया गया।