भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (MP) में मंगलवार को शिवराज कैबिनेट (shivraj cabinet) की बड़ी बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक में पटवारी (patwari) के लिए बड़ी घोषणा की जा सकती है। इसके अलावा नगर निकाय में सर्वेक्षक (municipal surveyor) के पद सृजित करने के मामले में बड़ा फैसला हो सकता हैं। मंगलवार की सुबह मंत्रालय में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj) की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक का आयोजन किया जाएगा।
जिसमें प्रदेश में पटवारी के पद सृजन किये जा सकते हैं। जानकारी के मुताबिक पटवारी के 5204 नए पद सृजित किए जाएंगे। इसके लिएचरणबद्ध तरीके से प्रक्रिया आयोजित होगी। इसके साथ ही 428 तहसील के लिए वर्क लोड पटवारी के पद भी सृजन करने पर विचार किया जा रहा है। इस मामले में राज्य सहित अन्य विभागों से जुड़े काम को देखते हुए प्रस्ताव तैयार किया गया है। जिस पर कैबिनेट की बैठक में मुहर लग सकता है।
साथ ही नगरिय निकाय के 988 नगर सर्वेक्षण के पद भी सृजित किए जाएंगे। राजस्व विभाग के अधिकारियों की माने तो पटवारी के 10 हजार 020 पद स्वीकृत किए गए है। इसके अलावा 20 हजार 808 पंचायत है। जिसके लिए पटवारी हल्के निर्मित किए जा रहे हैं। वही लोक सेवा गारंटी कानून के तहत विभिन्न सेवाओं के लिए समय सीमा भी तय की गई है।
कैबिनेट की बैठक में अतिथि प्रवक्ताओं के मानदेय बढ़ाने पर भी बड़ा फैसला लिया जा सकता है। दरअसल अतिथि प्रवक्ताओं के ₹10000 के स्थान पर उनके मानदेय को ₹14000 तक बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। बता दें कि 7 साल से अतिथि प्रवक्ताओं को ₹10000 मानदेय दिया जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा भी अतिथि प्रवक्ताओं के मानदेय में वृद्धि के निर्देश दिए गए थे।
टोल टैक्स के ऊपर भी सरकार बड़ा फैसला ले सकती है। दरअसल इसके लिए प्रस्ताव तैयार किया गया है। प्रदेश के 12 मार्ग पर कार और बस से टोल टैक्स नहीं लिया जाएगा। माना जा रहा है कि इन मार्गो पर व्यावसायिक वाहनों के साथ कार और बस सेबी टोल टैक्स लेने का प्रावधान किया गया था। हालांकि अब नीति में परिवर्तन पर चर्चा की जा रही है। जिन मार्गों को इसमें शामिल किया गया। उसमें होशंगाबाद पिपरिया, होशंगाबाद टिमरनी सहित खंडवा, सिवनी बालाघाट, रायसेन गैरतगंज राहतगंज, पिपरिया नरसिंहपुर शाहपुर, गोगापुर महिदपुर घोसला, मलेहरा लौंदी चांदला अजयगढ़ को शामिल किया गया है। टैक्स में छूट देने के प्रस्ताव तैयार किए गए हैं। जिस पर मंजूरी मिल सकती है।
साथ ही कन्या शिक्षा परिसर सीहोर का संचालन पायलट प्रोजेक्ट के रूप में किए जाने पर विचार किया जा सकता है। दरअसल इसमें निजी सहभागिता के माध्यम से इसे मूर्त रूप देने का प्रस्ताव सूर्या फाउंडेशन द्वारा तैयार किया गया है।