भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव (MP Panchayat Elections) को लेकर बड़ी अपडेट सामने आ रही है। दरअसल गुरुवार को हुई बैठक में जहां मध्यप्रदेश में पहले पंचायत चुनाव के बाद नगर निकाय चुनाव (MP Urban body Election) कराने के संकेत मिले हैं। वही आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने प्रमुख सचिव राजस्व मनीष रस्तोगी व्यवस्था के संबंध में चर्चा की है। इस दौरान आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने कहा कि पंचायत आम निर्वाचन (Panchayat general election) के लिए सफेद नीला पीला और गुलाबी रंग की व्यवस्था समय पर की जाए।
इसके अलावा राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने नगरीय निकाय में प्रयोग होने वाले EVM सहित मतपत्र मुद्रण की व्यवस्था, 35 प्रकार के प्रारूप प्रपत्र और आठ प्रकार के लिफाफे के मुद्रण की व्यवस्था कराने के भी निर्देश दिए हैं। प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी का कहना है कि सभी कार्य समय सीमा के अंदर पूरे कर लिए जाएंगे। इसमें किसी भी तरह के व्यवधान नहीं होंगे। पदाधिकारी नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारी को लेकर युद्ध स्तर पर प्रक्रिया पूरी की जा रही है।
इस मामले में राज्य निर्वाचन सचिव राकेश सिंह द्वारा निर्वाचन तैयारियों के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा बैठक भी की जा रही है। वहीं टेंडर प्रक्रिया को मतपत्रों की छपाई के लिए तुरंत पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही पंचायत चुनाव के लिए अलग-अलग रिटर्निंग ऑफिसर नियुक्त करने के भी निर्देश दिए गए हैं। इतना ही नहीं राज्य निर्वाचन के उप सचिव अरुण परमार ने सभी अधिकारियों को कड़े निर्देश देते हुए कहा कि संवेदनशील और अतिसंवेदनशील मतदान केंद्रों की जानकारी दो दिनों में प्रेषित की जाए। इसके अलावा विशेष कार्यपालक मजिस्ट्रेट की नियुक्ति जल्द की जाए। इसके अलावा ईवीएम की समय सीमा पर कराई जाए। साथ ही कंट्रोल रूम पर स्थापित करने के अलावा नोडल ऑफिसर की नियुक्ति को लेकर भी बड़े निर्देश दिए गए हैं।
बता दें कि मध्य प्रदेश में पंचायत और नगरी निकाय के चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ होंगे। इसके लिए बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी कर दिए हैं। वहीं सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद सबसे पहले शहर फिर गांव में मतदान करवाए जाएंगे। इसके अलावा दूसरे फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पहले गांव में फिर शहर में वोटिंग कराई जाएगी।
इसके लिए s.o.p. भी जारी कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण में प्रतिशत निर्धारित करने के लिए 50% आरक्षण की छूट दी है जिस निकाय में एससी एसटी की जनसंख्या कम होगी। वहां ओबीसी आरक्षण के प्रतिशत को बढ़ाया जा सकेगा । साथ ही महिलाओं के लिए भी सभी वर्गों में 50% आरक्षण लागू रहेंगे।
चर्चाओं की माने तो पहले ग्राम पंचायत के चुनाव होंगे। उसके बाद नगर पालिका और नगर निगम के चुनाव आयोजित करवाए जाएंगे। वहीं आरक्षण की प्रक्रिया पूरी होते ही अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। आचार संहिता मई महीने के अंतिम सप्ताह से लागू होने की संभावना जताई गई है। वही सबसे पहले अनुसूचित जाति और जनजाति वर्गों के लिए वार्ड निर्वाचन में आरक्षण की कार्रवाई पूरी होगी। किसी पंचायत में अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के लिए किया गया आरक्षण 27% या उससे अधिक है तो ओबीसी के लिए पदों में आरक्षण की कार्यवाही कम या ज्यादा कर समायोजित की जाएगी।
वार्ड मेंबर के लिए ओबीसी आरक्षण
वहीं वार्ड मेंबर के लिए ओबीसी आरक्षण किसी पंचायत में कुल 10 वार्डे निर्वाचन क्षेत्र है। उसमे एक वडे निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जाति वर्ग के लिए 2 वार्डे निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जनजाति के लिए और कुल 3 वार्ड निर्वाचन क्षेत्र आरक्षित हैं। जो कुल वार्ड निर्वाचन क्षेत्र का 30% है। वहीं ओबीसी जनसंख्या पंचायत में 20% से ज्यादा है। ऐसे में अन्य पिछड़े वर्गों के लिए 2 वार्ड या निर्वाचन क्षेत्र आरक्षित होंगी।
सरपंच पद के लिए ओबीसी आरक्षण
वहीं सरपंच पद के लिए ओबीसी आरक्षण पर भी नवीन व्यवस्था की गई है। दरअसल किसी जनपद पंचायत में यदि कुल 60 ग्राम पंचायत है। ऐसे में 10 ग्राम पंचायत अनुसूचित जाति के लिए 5 ग्राम पंचायत अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित होंगी जबकि 15 ग्राम पंचायत अनुसूचित जाति और जनजाति वर्गों के लिए आरक्षित है। ऐसे में ओबीसी जनसंख्या 25% से ज्यादा है तो अन्य पिछड़े वर्ग के लिए 60 ग्राम पंचायत में 25% यानी 15 ग्राम पंचायत ओबीसी के लिए भी आरक्षित होंगी।