नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। एक तरफ जहां देश भर में पुरानी पेंशन योजना (Old pension scheme) की मांग तेज हो गई। कई राज्यों द्वारा कर्मचारियों (Employees-pensioners) के लिए पुरानी पेंशन योजना को लागू कर दिया गया है। वहीं दूसरी तरफ केंद्र सरकार बड़ी तैयारी में है। दरअसल केंद्र सरकार जल्द गारंटीड पेंशन कार्यक्रम (Guaranteed Pension Program) जारी कर सकती है। इसके लिए इसे राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) के तहत 30 सितंबर तक शुरू किया जा सकता है। गारंटीकृत पेंशन स्क्रीन के तहत पेंशनर्स को बड़ा लाभ मिलेगा।
बता दें कि पेंशन नियामक पीएफआरडीए (PFRDA) नेशनल पेंशन सिस्टम के तहत गारंटीड रिटर्न स्कीम लाने की तैयारी में है। दरअसल पेंशन फंड रेगुलेटरी और डेवलपमेंट अथॉरिटी ने इस योजना के लिए सलाहकारों के पास प्रस्ताव के अनुरोध और सुझाव मांगे। तैयारी शुरू कर दी गई है। माना जा रहा है कि 30 सितंबर तक इसे लागू कर दिया जाएगा। इस मामले में पीएफआरडीए के अध्यक्ष सुप्रतिम बंधोपाध्याय का बड़ा बयान सामने आया है।
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इसके तहत पेंशन फंड और एक्चुअरी फर्म के बीच बातचीत की जा रही है। वही PFRDA अध्यक्ष सुप्रतिम बंदोपाध्याय ने कहा है कि न्यूनतम सुनिश्चित रिटर्न योजना पर काम चल रहा है। 30 सितंबर तक हम इसे संभावित तरीके से शुरू कर सकते हैं। बंदोपाध्याय ने बताया कि 13 साल की अवधि में 10% से अधिक चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि के तहत निवेशकों को मुद्रास्फीति संरक्षित रिटर्न दिया गया है, जो बेहद लाभकारी साबित हो रहा है। ऐसी स्थिति में यदि बाजार मूल्य में गिरावट भी आती है तो एनपीएस के तहत पेंशनर्स को अच्छे रिटर्न उपलब्ध कराए जाते हैं।
ऐसी स्थिति में पेंशन एसेट्स का आकार 35 लाख करोड रुपए है। जिसमें से 22 फीसद कुल 7.72 लाख करोड़ रुपए एनपीएस के पास है जबकि इसके 40 फीसद फंड EPFO से संबंधित है। वही पीएफआरडीए के अध्यक्ष की माने तो नेशनल पेंशन स्कीम के तहत गारंटी कृत रिटर्न योजना को तैयार किया जा रहा है। PFRDA अधिनियम के निर्देश के अनुसार एनपीएस के तहत वैसे ग्राहकों का चयन किया जाएगा, जो गारंटीड पेंशन स्कीम में शामिल होना चाहेंगे। PFRDA अध्यक्ष के मुताबिक नियामक संस्था हमेशा रुपयों की मुद्रास्फीति और मूल्यह्रास से अवगत रहती है और खाताधारकों को बाजार मूल्य में गिरावट के बाद ही अच्छे रिटर्न देने की कोशिश करती है।
केंद्र सरकार द्वारा 1 जनवरी 2004 को अपने कर्मचारियों के लिए अनिवार्य रूप से एनपीएस को लागू किया गया था। सभी राज्यों ने अपने कर्मचारियों के लिए नई पेंशन स्कीम को अपनाया था। 2009 के बाद यह योजना निजी क्षेत्र में काम करने वाले अन्य लोगों के लिए भी खोली गई थी। सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारी हिस्सा वापस ले सकते हैं जबकि शेष राशि नियमित आय के लिए उनसे वार्षिक के तौर पर ली जाती है। इसके तहत कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति की आयु के बाद पेंशन की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। 18 से 70 वर्ष की आयु का कोई भी व्यक्ति राष्ट्रीय पेंशन योजना में शामिल हो सकते हैं। वही सब्सक्राइबर एनपीएस में शामिल होने के 5 साल के बाद इस समय से पहले इस योजना से बाहर निकलने का विकल्प चुन सकते हैं।।
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली का मुख्य उद्देश सेवानिवृत्ति आयु प्रदान करना था। एनपीएस का लक्ष्य पेंशन के सुधारों को स्थापित करने के साथ ही नागरिकों को सेवानिवृत्ति के लिए बचत की आदत को बढ़ावा देना था। जिसके तहत कर्मचारियों के लिए गारंटीड पेंशन योजना की तैयारी सरकार द्वारा जा रही है। इसके लिए PFRDA द्वारा सलाहकार नियुक्त किए जाएंगे और बाजार की स्थिति को देखकर मामले का मूल्यांकन किया जाएगा। वही अगले महीने तक इसे लागू करने की तैयारी की जा रही है।