नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। केंद्र सरकार (Modi Government) पेंशनर्स (Pensioners) को जल्द बड़ी राहत देने वाली है। दरअसल पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (Department of Pension and Pensioners Welfare) द्वारा पेंशन के लिए सिंगल विंडो पोर्टल (Single Window Portal) की स्थापना की जाएगी। इसके साथ ही पेंशन नियम सहित कई अन्य मामलों के निराकरण किए जाएंगे। साथ ही पेंशनर्स के पेंशन नियम सहित पीपीओ (PPO), जीवन प्रमाण पत्र (life certificate) और शिकायतों के समाधान के लिए पारदर्शी सुविधा प्रदान करने को लेकर नवीन प्रक्रिया की तैयारी की गई है।
केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने पेंशनभोगियों और सेवानिवृत्त वृद्ध नागरिकों के लाभ के लिए सिंगल विंडो पोर्टल स्थापित करने की घोषणा की। मंत्री ने पेंशन नियमों यानी (CSS) (Pension) नियम, 2021 की समीक्षा और युक्तिकरण के लिए स्वैच्छिक एजेंसियों की स्थायी समिति (SCOVA) की 32वीं बैठक की अध्यक्षता की। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि पोर्टल देश भर में पेंशनभोगियों और उनके संघों के साथ निरंतर संपर्क को सक्षम करेगा और त्वरित प्रतिक्रिया के लिए नियमित रूप से उनके इनपुट, सुझाव और शिकायतें भी प्राप्त करेगा।
केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान, MoS PMO, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ जितेंद्र सिंह ने आज पेंशनभोगियों और सेवानिवृत्त वृद्ध नागरिकों के लाभ के लिए सिंगल विंडो पोर्टल की स्थापना की घोषणा की। उन्होंने कहा कि पोर्टल न केवल देश भर में पेंशनभोगियों और उनके संघों के साथ निरंतर संपर्क को सक्षम करेगा, बल्कि त्वरित प्रतिक्रिया के लिए उनके इनपुट, सुझाव और शिकायतें भी नियमित रूप से प्राप्त करेगा।
पेंशन नियमों यानी (CCS) (Pension) नियम, 2021 की समीक्षा और युक्तिकरण के लिए स्वैच्छिक एजेंसियों की स्थायी समिति (SCOVA) की 32 वीं बैठक को संबोधित करते हुए, डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के तहत 2014 के बाद से कई क्रांतिकारी बदलाव लाए गए थे। आम आदमी के लिए “ईज ऑफ लिविंग” लाने के लिए पेंशन नियम में संशोधन हुए हैं।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कॉमन पेंशन पोर्टल का उद्देश्य पेंशनभोगियों के लिए अपनी शिकायतों को उठाने और व्यक्तिगत रूप से विभिन्न अधिकारियों से संपर्क किए बिना उन्हें हल करने के लिए सिंगल विंडो डिजिटल मैकेनिज्म (single window digital mechanism) बनाना है। उन्होंने कहा पेंशन बकाया की प्रक्रिया, मंजूरी या संवितरण के लिए जिम्मेदार सभी मंत्रालय इस प्रणाली से जुड़े हुए हैं और शिकायतों को समाधान के लिए संबंधित मंत्रालय/विभाग को आकलन के बाद अग्रेषित किया जाता है। पेंशनभोगी के साथ-साथ नोडल अधिकारी सिस्टम में निपटान तक ऑनलाइन शिकायत की स्थिति देख सकते हैं।
स्कोवा हितधारकों यानी पेंशनभोगियों के साथ उनके संघों और संबंधित मंत्रालयों/विभागों के माध्यम से परामर्श करने के लिए एक उपयोगी मंच है। यह संघों को पेंशनभोगियों के कल्याण आदि से संबंधित अपने मुद्दों को सीधे संबंधित मंत्रालयों/विभागों के समक्ष उठाने का अवसर प्रदान करता है। बैठक में जम्मू, जयपुर, तमिलनाडु, कर्नाटक, चंडीगढ़ और देश के अन्य हिस्सों के पेंशनभोगी संघों ने भाग लिया। मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने स्पष्ट किया कि संशोधित नियम पेंशन, पारिवारिक पेंशन या ग्रेच्युटी की राशि की पात्रता के संबंध में कोई बदलाव नहीं करते हैं। हालाँकि, नए नियम केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 में कई नई नीति और प्रक्रियात्मक सुधार लाते हैं। साथ ही, पुराने नियमों में कुछ प्रावधान को नए नियम से हटा दिया गया है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि हमें सेवानिवृत्त कर्मचारियों के ज्ञान, अनुभव और प्रयासों का अच्छा उपयोग करने पर जोर देने की जरूरत है जो पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग के मूल्यवर्धन में मदद कर सकते हैं। डॉ जितेंद्र सिंह ने बताया कि नवंबर 2020 में डाकिया के माध्यम से डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (DLC) जमा करने के लिए डोरस्टेप सेवा शुरू होने के बाद से इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) के माध्यम से 3,08,625 से अधिक जीवन प्रमाण पत्र किए जा चुके हैं।
जीवन प्रमाण पोर्टल के माध्यम से जीवन प्रमाण पत्र ऑनलाइन जमा करने की सुविधा प्रधान मंत्री द्वारा नवंबर, 2014 में शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य पेंशनभोगियों को जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के लिए एक सुविधाजनक और पारदर्शी सुविधा प्रदान करना था। उन्होंने यह भी कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा 100 शहरों में जीवन प्रमाण पत्र के संग्रह के लिए डोरस्टेप बैंकिंग है और बैंकिंग एजेंटों के माध्यम से किए गए जीवन प्रमाणपत्रों की संख्या 4253 है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि जीवन प्रमाण पत्र डिजिटल रूप से जमा करने के लिए एंड्रॉइड फोन के माध्यम से फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक 29.11.2021 को शुरू की गई है और अब तक फेस ऑथेंटिकेशन के माध्यम से 20,500 से अधिक जीवन प्रमाण पत्र किए जा चुके हैं। इसी तरह, उन्होंने बताया कि 2014 से अब तक केंद्र सरकार के पेंशनरों द्वारा जमा किए गए डीएलसी की कुल संख्या लगभग 1,07,75,980 है। 2021 में अब तक जमा किए गए कुल डीएलसी की संख्या 19,80,977 है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि वर्तमान में 813 संबद्ध कार्यालयों सहित 96 मंत्रालयों/विभागों के मुख्य सचिवालय में ‘भविष्य’ प्लेटफॉर्म, एक एकीकृत ऑनलाइन पेंशन प्रसंस्करण प्रणाली सफलतापूर्वक लागू की जा रही है। अब तक, 1,50,000 से अधिक मामलों पर कार्रवाई की जा चुकी है, अर्थात। पीपीओ जारी किए गए जिसमें 80,000 से अधिक ई-पीपीओ शामिल हैं। मंत्री ने यह भी बताया कि भविष्य 8.0 डिजिलॉकर में ईपीपीओ को पुश करने के लिए एक नई सुविधा के साथ अगस्त, 2020 में जारी किया गया था। भविष्य’ डिजिलॉकर की डिजिलॉकर आईडी आधारित पुश तकनीक का उपयोग करने वाला पहला एप्लिकेशन है।
मंत्री ने कहा कि विभाग ने 2017 में केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों की पुरानी शिकायतों को हल करने के लिए पेंशन अदालतें आयोजित करने का अनूठा प्रयोग शुरू किया था, जो मौजूदा नीति की चार दीवारों के भीतर आता है और पहली पेंशन अदालत 20.09.2017 को आयोजित की गई थी। विभाग अब तक कुल 6 पेंशन अदालतें आयोजित कर चुका है। अगली पेंशन अदालत 05.05.2022 को आयोजित होने वाली है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने अधिकारियों को आधिकारिक और सोशल मीडिया चैनलों के माध्यम से पेंशनभोगियों के कल्याण के लिए पहल के बारे में व्यापक जागरूकता पैदा करने का निर्देश दिया। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा, पहले पेंशन नियम 50 साल पहले 1972 में अधिसूचित किए गए थे। तब से, सीसीएस (पेंशन) नियम, 1972 में बड़ी संख्या में संशोधन हुए हैं। उन्होंने कहा, इस तरह के बदलावों और इन नियमों के विभिन्न प्रावधानों को स्पष्ट करने वाले कई कार्यालय ज्ञापनों के आलोक में, विभाग ने नियमों का एक संशोधित और अद्यतन संस्करण यानी सिविल सेवा (सीसीएस) (पेंशन) नियम, 2021 लाया है।