MP : सीएम के निर्देश का असर, 10 जिलों के कलेक्टर्स रहे आगे, फिसड्डी साबित हुए ये 5 जिले

Kashish Trivedi
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मध्य प्रदेश

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। आज के डिजिटल (Digital) जमाने में जहां भारत की 70 फीसद आबादी सोशल मीडिया (social media) पर तेजी से अग्रसर हो रही है। शासन प्रशासन द्वारा शासकीय योजनाओं सहित जनता तक अपनी बात पहुंचाने का सबसे सर्वोत्तम माध्यम इंटरनेट (Internet) बना हुआ है। इस कड़ी में केंद्र सरकार की मुहिम के बाद अब MP शासन द्वारा भी कमर कस ली गई है। बीते दिनों सीएम शिवराज (CM Shivraj) द्वारा प्रदेश के सभी कलेक्टर (collectors) को सोशल मीडिया के माध्यम से शासकीय योजनाओं के प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए गए थे। हालांकि कुछ जिलों में सीएम शिवराज के इस निर्देश के पालन कम होते दिखाई दे रहे हैं।

सीएम शिवराज के निर्देश पर सभी जिला कलेक्टर द्वारा अपने-अपने सोशल मीडिया अकाउंट शुरू किए गए लेकिन इस मामले में कुछ कलेक्टर्स अन्य से बेहद आगे चल रहे हैं। बीते दिनों इंदौर कलेक्टर द्वारा बड़ी कामयाबी हासिल की गई है। सोशल मीडिया पर उनके एक लाख से अधिक फॉलोअर्स होने के बाद सीएम शिवराज ने उन्हें बधाई दी थी। इसके साथ ही इंदौर के नक्शे कदम पर चलते हुए कलेक्टर को भी सोशल मीडिया पर सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार करने और लोगों को अधिक जागरूक करने के निर्देश सीएम शिवराज ने दिए थे। हालांकि जिन जिलों में तेजी से सीएम के आदेश का पालन करते हुए शासकीय योजनाओं की कार्यशैली को जन-जन तक पहुंचाया जा रहा है। उसमें इंदौर कलेक्टर के अलावा भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, रीवा, सतना सहित कई अन्य जिले शामिल है।

हालांकि इस मामले में इंदौर कलेक्टर सबसे आगे बने हुए है। इंदौर कलेक्टर के ट्विटर हैंडल की बात करें तो उस पर 1 लाख 5 हजार फॉलोअर्स है। इंदौर कलेक्टर द्वारा योजनाओं की गतिविधियां नियमित रूप से प्रेषित की जाती है वही दूसरे नंबर पर भोपाल कलेक्टर है। भोपाल कलेक्टर टि्वटर Account फॉलोअर्स 50,000 से अधिक है। वहीं भोपाल कलेक्टर टि्वटर Account द्वारा शासकीय योजनाओं की गतिविधि की जानकारी वितरित की जाती है।

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वही जबलपुर ग्वालियर सहित रीवा और सतना जैसे जिले कार्यशैली की जानकारी टि्वटर हैंडल पर उपलब्ध कराई जाती है। साथ ही अन्य गतिविधियां और राज्य शासन से जुड़ी शासकीय योजनाओं की जानकारी और हितग्राहियों से संबंधित सूचनाएं भी ट्विटर अकाउंट पर प्रकाशित की जा रही है।

हालांकि इस मामले में सबसे फिसड्डी अलीराजपुर निवाड़ी और बेतूल सहित अन्य जिलों के कलेक्टर से साबित हुए हैं। इन कलेक्टर्स के ट्विटर अकाउंट पर सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार में कमी देखी जा रही है। इतना ही नहीं निवाड़ी जैसे जिले में कलेक्टर के लैंडलाइन नंबर तक अमान्य बताया जा रहे हैं। बता दे कि कलेक्टर कमिश्नर बैठक में सीएम जिलों की फीडबैक लेते हैं। साथ ही कलेक्टर को योजनाओं के प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए जाते हैं लेकिन 10 से 12 ऐसे जिले हैं। जहां ट्विटर अकाउंट पर कलेक्टर्स की गतिविधियां सहित फॉलोअर्स की संख्या बेहद कम है।

वेरी फॉलो वर्ष के संख्या की बात की जाए तो इस मामले में अलीराजपुर कलेक्टर सबसे फिसड्डी साबित हुए हैं। अलीराजपुर के ट्विटर अकाउंट पर 389 फॉलोअर्स हैं। जबकि उमरिया के 3995, झाबुआ 5087, बुरहानपुर 6157, आगर मालवा 6495, खरगोन 6353 फॉलोअर्स हैं। अलीराजपुर कलेक्टर राघवेंद्र सिंह का कहना है कि ट्विटर का ज्यादा इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है लेकिन इसे बढ़ाने के लिए बड़ी कार्यशैली अपना रहे हैं। एक स्टूडियो तैयार किया गया है। जिसके बाद शासकीय योजनाओं को वीडियो फॉर्मेट में तैयार किया जाएगा। 2 से 3 मिनट होने वाले इस वीडियो फॉर्मेट में ज्यादा से ज्यादा जानकारी आम जनता तक पहुंचाई जाएगी।

सीएम शिवराज द्वारा कहा गया था कि नागरिक और प्रशासन के बीच सीधा संवाद इसके लिए जरूरी है कि जनता से सीधे जुड़े। सोशल मीडिया संवाद के माध्यम से सकारात्मक रचनात्मक उपयोग से प्रशासन को अधिक लाभ पहुंचा सकते हैं और प्रशासन को तेजी से उपयोग करना चाहिए। CM शिवराज ने सभी कलेक्टरों से प्रशासनिक अधिकारियों को सोशल मीडिया से जुड़ने और सूचनाओं के परस्पर आदान-प्रदान करने के भी निर्देश दिए थे। जिससे गुड गवर्नेंस के प्रयासों को बल मिल सके।


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