नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। ईपीएफओ के कर्मचारियों (EPFO Employees) के लिए बड़ी खबर है। दरअसल 8 जुलाई को इसके लिए बड़ी बैठक आयोजित होने वाली है। जिसमें कई महत्वपूर्ण फैसले पर चर्चा की जा सकती है। एक तरफ जहां ईपीएफ (EPF) को लेकर बढ़ने वाली लिमिट (Pension limit) पर चर्चा हो सकती है। वहीं पीएफ (PF) और पेंशन लाभ (Pension limit) की पेशकश के लिए एक अलग प्रणाली विकसित करने पर भी बड़ा फैसला हो सकता है। जिसका लाभ पीएफ कर्मचारियों को मिलेगा। इसके अलावा यूनिवर्सल पेंशन स्कीम (Universal Pension Scheme) पर भी कुछ बड़ी अपडेट 8 जुलाई को सामने आ सकती है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) का केंद्रीय बोर्ड 8 जुलाई को बैठक करेगा। जिसमें विशेष रूप से गिग श्रमिकों के लिए एक अलग पेंशन योजना बनाने का निर्णय लिया जा सकता है और साथ ही उन सभी के लिए एक सार्वभौमिक पेंशन निधि योजना (Universal Pension Fund Scheme) बनाने की संभावना तलाश सकता है जो अभी तक सेवानिवृत्ति से कवर्ड नहीं हैं।
इतना ही नहीं 8 जुलाई को होने वाली बैठक में गिग श्रमिकों के लिए एक अलग पेंशन योजना तैयार करने पर बड़ा निर्णय लिया जा सकता है। इसके अलावा यूनिवर्सल पेंशन स्कीम पर भी बड़ी अपडेट सामने आ सकती है। इससे पहले सीबीटी द्वारा पेंशन सुधार समिति की सिफारिश पर इस मामले में विचार विमर्श किया जा चुका है।
स्थिति की जानकारी रखने वाले व्यक्तियों के अनुसार एक विस्तृत नोट केंद्रीय बोर्ड को प्रस्तुत किया जाएगा। वहीँ एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि इपीएफओ के संगठनात्मक मुद्दों को संबोधित करने के बाद पीएफ और पेंशन लाभ की पेशकश के लिए एक अलग प्रणाली विकसित की जा सकती है।
अधिकारी ने कहा कि मौजूदा ग्राहकों और गिग कर्मचारियों के विलय से दोनों पक्षों (औपचारिक कार्यकर्ता और गिग्स) के कर्तव्यों की प्रकृति के कारण परिचालन में अड़चनें आ सकती हैं, एक आंतरिक समिति ने गिग और प्लेटफॉर्म श्रमिकों के लिए एक अलग योजना स्थापित करने की सिफारिश की है।
पेंशन लिमिट पर कर्मचरियों को बड़ा फैसला देखने मिल सकता है। दरअसल मजदूर वर्ग ईपीएफओ के कर्मचारी पेंशन प्रणाली (EPS) के तहत पेंशन में बढ़ोतरी (pension limit hike) की मांग करता रहा है। हालांकि, ईपीएफ उपयोगकर्ता अब ईपीएस में अपर्याप्त योगदान के कारण पेंशन फंड प्रति माह 3,000 रुपये की न्यूनतम पेंशन का भुगतान करने में असमर्थ है। वहीँ आंकड़ों की माने तो एक वैधानिक ईपीएफ कटौती एक कर्मचारी द्वारा उसके मूल वेतन के 12% और कुछ भत्तों के एक हिस्से के बराबर मासिक भुगतान है। नियोक्ता 12% तक राशि का योगदान देता है। नियोक्ता के हिस्से का 8.33 फीसदी या 12 फीसदी हिस्सा ईपीएस में जाता है।
जुलाई के दूसरे सप्ताह में जब बोर्ड की बैठक होती है, “सिर्फ गिग वर्कर्स के लिए पीएफ, बल्कि उन सभी के लिए एक सार्वभौमिक पेंशन योजना,” लागू की जा सकती है, जिसकी पहचान भी नहीं की गई।इससे स्पष्ट है कि बैंगलोर में होने वाली दो दिवसीय बोर्ड बैठक में पेश किए जाने वाले एजेंडा विषयों को अभी भी ईपीएफओ द्वारा अंतिम रूप दिया जा रहा है।
बता दें कि एक नई सार्वभौमिक पेंशन योजना “सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा और वैश्विक रुझानों पर माननीय प्रधान मंत्री के स्पष्ट आह्वान के मद्देनजर तलाशी जा सकती है, जो ईपीएस 95 के तहत कवर नहीं किए गए लोगों को समायोजित करने के लिए गिग कार्यकर्ता और स्व-नियोजित व्यक्ति शामिल हैं। ज्ञात हो कि भारत में 717,000 से अधिक गिग श्रमिकों को कानूनी रूप से पंजीकृत किया गया है, और उनमें से केवल पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और बिहार में लगभग 58 प्रतिशत हैं। सार्वभौमिक पेंशन में 3,000 रुपये की न्यूनतम पेंशन के प्रावधान हो सकते हैं, जिसके लिए लगभग 5.4 लाख रुपये और 15 साल से अधिक के काम की आवश्यकता होती है।