भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों की ट्रांसफर (MP Transfer) की तिथि की घोषणा कर दी गई है। इसके साथ ही कई कर्मचारियों अधिकारियों (MP employees) को नवीन पदस्थापना (New posting) सौंपी जाएगी। इसके लिए शिवराज सरकार की मंत्री परिषद ने शासकीय कर्मचारियों के तबादले पर लगी रोक हटाने का फैसला किया है। मध्यप्रदेश की कैबिनेट मीटिंग (MP Cabinet meeting) में तबादलों की तारीख निर्धारित की गई है।
जिसके तहत मध्य प्रदेश में 17 सितंबर से 5 अक्टूबर तक शासकीय कर्मचारियों को नवीन पदस्थापना सौंपी जाएगी। बता दें कि पंचायत और निकाय चुनाव के कारण कर्मचारियों के तबादले इस साल देरी देखने को मिली है। सितंबर को 19 दिन के लिए तबादलों पर से प्रतिबंध हटाया जाएगा। शिवराज कैबिनेट की बैठक में इस पर सैद्धांतिक सहमति दी है, 5 अक्टूबर तक जिला और राज्य स्तर में अधिकारियों के तबादले हो सकेंगे। इसके लिए नीति जल्द जारी की जाएगी। वही सीएम शिवराज ने कहा कि जहां जरूरी हो, वहीं पर अधिकारी कर्मचारियों के तबादले किए जाएं।
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इस मामले में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा नीति प्रस्तुत की जाएगी, इससे पहले पॉलिसी तैयार की गई है। सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से प्रस्तावित नीति की बात करें तो जिले के भीतर प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से जिला संवर्ग के कर्मचारी सहित राज्य संवर्ग के तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के तबादले किए जाएंगे जबकि राज्य संवर्ग के अधिकारी कर्मचारियों के तबादले विभागीय मंत्री के अनुमोदन से पूरे होंगे। वही प्रस्तावित नीति के तहत किसी भी संवर्ग में 20% तक ही अधिकारी कर्मचारियों को नवीन पदस्थापना सौंपी जा सकती है।
नवीन प्रस्तावित नीति के तहत अनुसूचित क्षेत्रों में पहले रिक्त पदों को भरा जाएगा। अनुसूचित क्षेत्र से किसी कर्मचारियों को पदस्थ किया जाता है तो पहले उस स्थान की पूर्ति की जाएगी। उसके बाद ही कर्मचारी वहां से कार्यमुक्त हो सकेंगे। 3 साल से एक जगह पर पदस्थ अधिकारियों को जिले से बाहर पदस्थ किया जाएगा। इसके लिए प्राथमिकता से विचार किया जाना है। साथ ही शारीरिक गंभीर बीमारी होने पर स्थानांतरण में कर्मचारी अधिकारियों को प्राथमिकता मिलेगी।
इसके अलावा कृषि विकास संचालनालय कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय के तृतीय श्रेणी कर्मचारी को उनके गृह जिले में पदस्थ किया जा सकेगा। हालांकि उन्हें गृह तहसील और विकासखंड में पदस्थापना नहीं दी जाएगी जबकि 40% से अधिक दिव्यांग होने की स्थिति और 1 वर्ष से कम सेवा अवधि रहने पर अधिकारी कर्मचारियों के तबादले नहीं किए जा सकेंगे। अखिल भारतीय सेवा, न्यायिक सेवा और मंत्रालय सेवा के अधिकारी कर्मचारियों पर यह लागू नहीं होंगे।