भुवनेश्वर, डेस्क रिपोर्ट। कर्मचारियों-शिक्षकों (Employees-teachers) को एक बार फिर से सेवानिवृत्ति उम्र (Retirement age) में वृद्धि का लाभ मिल सकता है। दरअसल प्रदेश सरकार एक नवीन तैयारी में है। जिसके तहत अब शिक्षकों को रिटायरमेंट उम्र में वृद्धि (Retirement age hike) दी जाएगी। इसके लिए प्रक्रिया (process) शुरू कर दी गई है। शिक्षा पर विधान सभा की स्थायी समिति (Standing Committee of Legislative Assembly) ने बढ़ते शिक्षकों के रिक्त पदों से निपटने के लिए सेवानिवृत्ति आयु में 2 वर्ष की वृद्धि की सिफारिश की है। यदि इस सिफारिश पर कार्य शैली अपनाई जाती है तो कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 60 वर्ष से बढ़कर 62 वर्ष हो सकती है।
बता दें कि प्रदेश में लगातार कॉलेज शिक्षकों के रिक्त पदों में वृद्धि देखी जा रही है। जिसके बाद उच्च शिक्षण संस्थानों में सरकारी सदस्य के लिए सेवानिवृत्ति की वर्तमान आयु में 2 वर्ष की वृद्धि की सिफारिश की गई है। फिलहाल सेवानिवृत्ति आयु 60 वर्ष है जबकि यूजीसी ने कुछ साल पहले संकाय सदस्यों की सेवानिवृत्ति आयु 62 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष कर दी थी। वही विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अलावा देश के 18 राज्यों ने भी सेवानिवृत्ति आयु के 65 वर्ष के क्रम को अपनाया हुआ है।
ऐसे में अब उड़ीसा में उच्च शिक्षण संस्थानों में संकाय सदस्य के लिए सेवानिवृत्ति आयु में 2 वर्ष की वृद्धि की। सिफारिश की गई है। समिति की सिफारिश में कहा गया है कि डिग्री कॉलेज और उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में रिक्तियां अभी भरी जानी है। संकाय सदस्य की मौजूदा सेवानिवृत्ति आयु को बढ़ाकर 62 वर्ष किए जाने चाहिए जबकि उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में 772 पद रिक्त हैं। ऐसे में 600 से अधिक सहायक प्रोफेसर के पद और 1 डिग्री कॉलेज के प्रोफेसर के इतने ही पद रिक्त होने से लगातार रिक्त पदों की संख्या बढ़ती जा रही है।
इतना ही नहीं समिति विभाग से शासकीय और सहायक प्राप्त कॉलेजों के लिए प्राचार्य का नियमित कैडर खोलने की भी सिफारिश की है। बता दें कि वर्तमान में वरिष्ठ ऑफिसर के 49 सरकारी सहित 12 डिग्री कॉलेज में प्रभारी प्राचार्य हैं। ऐसे में बुनियादी ढांचे और अन्य विकास कार्यो में महत्वपूर्ण निर्णय लेने में असमर्थता जाहिर की जाती है। वहीं प्राचार्य के नियमित कटल खोले जाने के बाद महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकेंगे।
इतना ही नहीं समिति शासकीय और सहायता प्राप्त कॉलेज के शिक्षण और गैर शिक्षण कर्मचारियों के लिए स्थानांतरण के लिए एक नीति तैयार करने की भी सिफारिश की है। स्थायी समिति का कहना है कि पिछले महीने उच्च शिक्षा विभाग से संबंधित वर्ष 2022-23 के अनुदान पर अपनी रिपोर्ट विधानसभा में पेश की गई थी।
वही अब स्थायी समिति की सिफारिश मिलने के बाद उच्च शिक्षा विभाग एक्शन मोड में आ गया है। शुक्रवार को उच्च शिक्षा विभाग ने सभी संबंधित अधिकारियों को 15 सितंबर तक कार्रवाई पर रिपोर्ट सौंपने को कहा है। माना जा रहा है कि उड़ीसा में उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों के बढ़ रहे रिक्त पदों को पाटने के लिए कॉलेज शिक्षकों और प्रोफेसर के सेवानिवृत्ति आयु में 2 वर्ष की वृद्धि की जा सकती है।