नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने एक बार फिर से छात्रों (Students) के हित में महत्वपूर्ण फैसला लिया है। दरअसल विदेश मंत्रालय (foreign Ministry) द्वारा संचालित किए जा रहे ऑनलाइन कोर्स (online course) और दूरस्थ शिक्षा के लिए संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। संशोधित ऑनलाइन प्रोग्राम (Revised Online Program) में नामांकन के लिए अधिक विदेशी छात्रों को प्रोत्साहित करने का कार्य किया जाएगा। वही इसका लाभ नागरिकों को भी मिलेगा। यूजीसी द्वारा ओपन और डिस्टेंस लर्निंग प्रोग्राम और ऑनलाइन प्रोग्राम के लिए सेकेंड अमेंडमेंट रेगुलेशन 2022 को 18 जुलाई को राजपत्र में अधिसूचित कर दिया गया है।
बता दे नवीन संशोधन के साथ यूजीसी के अध्यक्ष एम् जगदीश कुमार ने कहा कि 2020 के नियम के तहत पासपोर्ट अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए एकमात्र पहचान हुआ करती थी। हालांकि विदेश मंत्रालय द्वारा कई बार कई आवेदन को समाप्त हो चुके पासपोर्ट जमा करने या ना करने के कारण खारिज किया जा चुका है। जिसके कारण छात्र कई डिस्टेंस लर्निंग कोर्स करने के साथ छात्रवृत्ति और अन्य लाभ का हिस्सा नहीं बन पाते थे।
हालांकि विदेश मंत्रालय ने यूजीसी से फोटो के साथ किसी भी राष्ट्रीय पहचान पत्र पर विचार करने और विद्या भारती परियोजना के तहत छात्रों को विश्वविद्यालय में प्रवेश सुरक्षित करने के लिए पासपोर्ट के अनिवार्य नियमित छूट देने की बात कही है। वही संशोधित नियम के बाद विदेशी छात्र विदेश मंत्रालय के माध्यम से प्रवेश लेने के साथ ही पहचान के लिए अपने निवास के देश की तस्वीर के साथ कोई भी राष्ट्रीय पहचान पत्र उपलब्ध करा सकेंगे।
ई-विद्या भारती परियोजना के तहत अफ्रीकी छात्रों को छात्रवृत्ति उपलब्ध कराई जाती है। अफ्रीकी छात्रों को 5 वर्ष की अवधि में कम से कम 15000 छात्रवृत्ति उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। जिस पर यूजीसी अध्यक्ष ने कहा कि संशोधन केवल विदेश मंत्रालय के माध्यम से यूजीसी प्लेटफार्म पर नामांकन करने वाले छात्रों के लिए ही लागू होगा। वही इस संशोधन से ऑनलाइन कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के नामांकन की संख्या बढ़ेगी और शिक्षा गुणवत्ता से उनके शिक्षा के स्तर में भी सुधार होगा।