लापरवाही पर बड़ा एक्शन, सरपंच को हटाया, 5 अधिकारियों की सेवा समाप्त, 7 निलंबित, 92 को नोटिस जारी

Kashish Trivedi
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (MP) में भ्रष्टाचार (corruption) में संलिप्त अधिकारी कर्मचारियों (employees) पर कार्रवाई का सिलसिला जारी है। लगातार अधिकारी कर्मचारियों पर गाज गिर रही है। वहीं केंद्रीय जाँच दल की रिपोर्ट के बाद उपयंत्रियों की सेवा खतरे में आ गई है। दरअसल उनकी सेवाओं को कलेक्टर द्वारा समाप्त कर दिया गया है जबकि सहायक यंत्री के निलंबन की कार्रवाई के लिए प्रतिवेदन उच्च अधिकारी को भेजे गए हैं।

बता दें कि इससे पहले 5 ग्राम पंचायत के रोजगार सहायकों की सेवा की समाप्ति के नोटिस थमा दिए गए थे। वही जनपद पंचायत के 3 कर्मचारियों को भी निलंबन का नोटिस दिया गया है। ऐसे मामले में संतुष्ट जवाब मांगा गया है। वही जवाब के संतुष्टि ना होने पर उन पर निलंबन की कार्रवाई की जा सकती है।

यही नहीं सचिव-सरपंच सहित प्रधान के विरुद्ध धारा 92 के तहत कार्रवाई की जाएगी। मामला टीकमगढ़ जिले का है। जहां ग्राम पंचायत नादिया, देवरा, बिदारी और बर्माडांग में बिना कार्य की राशि निकालने की बात सामने आई। बिना काम के इन इलाकों में 147.96 लॉख रुपए निकाले गए हैं। इसके लिए माप पुस्तिका में सामग्री का भुगतान भी किया गया है। इसके बाद ग्राम पंचायतों द्वारा बिल प्रस्तुत किए गए और उपयंत्री ने मूल्यांकन कर धांधली में उनका साथ दिया है।

इतना ही नहीं बिना कार्य की राशि अंतरित किए जाने पर जनपद पंचायत सीईओ ने भी इसके भुगतान कर दिए हैं। ऐसे में शिकायत के बाद मामला सामने आया। जिसके बाद केंद्रीय जांच दल नेशनल लेवल मॉनिटरिंग के सदस्य से जांच कराई जिसमें पंचायत के कार्य को देखने पहुंचे। वहां पहुंचकर जब कार्य की गतिविधियां सामने नहीं आए तो मनरेगा आयुक्त फारूकी वली को कलेक्टर ने एफआईआर कराने के निर्देश दिए।

इस मामले में मनरेगा की परियोजना अधिकारी रजत तिवारी का कहना है कि 4 उपयंत्री की सेवा समाप्त कर दी गई है संबंधित के विरुद्ध आगे की कार्रवाई की जाएगी। रोजगार सहायकों से जवाब आने के बाद कार्रवाई होगी। सरपंच प्रधान और सचिव के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश के लिए पंचायत प्रकोष्ठ को पत्र लिखे गए हैं। धारा 92 के तहत उनसे वसूली की जा सकती है।

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इस मामले में जांच के बाद कलेक्टर सुभाष कुमार द्विवेदी द्वारा चार उपयंत्री प्रमोद सक्सेना, धर्मेंद्र तिवारी बलराम सोनाकिया और निशी जैन की सेवा समाप्त कर दी गई है। इसके साथ ही सीईओ आनंद शुक्ला के निलंबन का प्रस्ताव प्रमुख सचिव को भेजा गया, सहायक यंत्री देव आनंद शुक्ला का प्रस्ताव कमिश्नर के पास भेजा गया है। वहीं सहायक लेखा अधिकारी सहित जनपद पंचायत के अधिकारियों से 3 दिन का नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है जबकि नदिया पंचायत के रोजगार सहायक अनुराग खरे, वर्माडांग के रोजगार सहायक करण सिंह अहिरवार सहित मझगुवा के रोजगार सहायक धर्मेंद्र दांगी और अन्य चार के खिलाफ सेवा समाप्ति के नोटिस जारी कर दिए गए हैं।

वहीं एक अन्य कार्रवाई भिंड जिले में की गई है। जहां गोहद पंचायत के ग्राम वर्क नासा में सरपंच और सचिव द्वारा 1.23 करोड़ के तालाब पशु रोड का निर्माण करवा दिया गया है। वहीं ग्रामीणों की शिकायत पर कलेक्टर सतीश कुमार ने जांच के बाद वित्त सचिव को नोटिस जारी किया था। नोटिस का जवाब नहीं आने के बाद कलेक्टर ने सचिव को निलंबित कर दिया है। साथ ही सरपंच को पद से हटा दिया गया है।

जानकारी के मुताबिक ग्राम पंचायत बक्सा में ग्रामीण शिकायत की थी। जिसमें बताया गया था कि पंचायत में कुल राशि बिना काम के फर्जीवाड़े का निकाल लिए गए हैं। इस मामले में कलेक्टर ने ग्राम यांत्रिकी सेवा संभाग भिंड के ईई आलोक तिवारी, प्रभारी परियोजना अधिकारी मनरेगा प्रमोद सिंह तोमर को जांच के निर्देश दिए। भिंड जिले में भी काम नहीं हुए, कागजों पर हुए निर्माण पर 1.23 करोड रुपए की राशि खर्च करना बताए गए। जिसके बाद फर्जीवाड़े के बाद कलेक्टर सतीश कुमार सिंह सचिव राजवीर सिंह को नोटिस जारी किया था।

संतोषजनक जवाब नहीं मिलने की वजह से कलेक्टर ने चाची को निलंबित कर दिया है। विमलेश देवी को भी नोटिस दिया गया उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया है जिसके बाद उन्हें पद से हटा दिया। इतना ही नहीं गलत रिपोर्ट देने की वजह से इंजीनियर अनिल श्रीवास्तव पर भी निलंबन की कार्रवाई की जा रही है।

वहीं एक अन्य कार्यवाही धार के बदनावर मैं की गई है। जहां प्रतिबंध लगाए जाने के बाद भी किसानों द्वारा नरवाई जलाई जा रही है। जिसके बाद एक ही दिन में गांव के करीब 80 किसानों को नरवाई जलाने पर नोटिस थमा दिया गया है। इतना ही नहीं इस मामले में 8 किसानों से अर्थदंड भी जमा किए गए हैं। बता दें कि अब तक कुल 125 किसानों को नरवाई जलाने पर नोटिस जारी किए जा चुके हैं।


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