भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। पत्नी और बेटे के नाम कंपनी रजिस्टर्ड (Registered Company) कराकर PWD और MPRDC में काम कराने के आरोपों में घिरे पीडब्ल्यूडी (PWD) के प्रभारी ENC नरेंद्र कुमार वर्मा (Narendra kumar verma) की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है। अब खुलासा हुआ है कि नरेंद्र वर्मा के बेटे की एक नहीं बल्कि तीन-तीन कंपनियां है। अब यह मामला विधानसभा (MP Assembly) में उठाने की तैयारी है।
कमलनाथ सरकार में प्रभावशाली मंत्री के ओएसडी (OSD) रहे एक विभागीय अधिकारी की बदौलत लोक निर्माण विभाग के प्रभारी ENC बने नरेंद्र वर्मा के बेटे के नाम तीन कंपनियां रजिस्टर्ड है। दरअसल भोपाल के एक इंजीनियर अमित कुमार साहू ने मुख्यमंत्री कार्यालय में जनवरी महीने में शिकायत की थी कि नरेंद्र वर्मा के पुत्र राकेश वर्मा और पत्नी गीता वर्मा के नाम से हाईटेक सिविल टेस्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी रजिस्टर्ड है। जो ठेकेदारों को काम दिलवाने से लेकर डीपीआर कंसल्टेंट, ब्रिज कांटेक्ट में डायरेक्ट और इनडायरेक्ट रूप से कार्य कराने का काम करती है।
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आरोप था कि नरेंद्र वर्मा ने PWD,PUI और MPRDC में रहते हुए इस कंपनी को काफी काम दिलाया। मुख्यमंत्री कार्यालय के निर्देश पर विभाग इसकी शिकायत की जांच भी कर रहा है। इस बीच एक और शिकायत नरेंद्र कुमार आर्य के द्वारा सीएम हेल्पलाइन में की गई कि वर्मा के पुत्र द्वारा संचालित निजी कंपनी मैसर्स स्केल इन्फार्मेटिव एंड डाटा कलेक्शन प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा विभाग द्वारा निर्मित सड़कों की रफनेस की जांच का कार्य इस कंपनी को नियम विरुद्ध दिया।
शिकायत में बताया गया था कि 8 फर्मो द्वारा 115 फिटनेस टेस्ट किए गए जिसमें से 72 टेस्ट केवल इसी फर्म द्वारा कराए गए। अब यह जानकारी सामने आई है कि प्रेसाइज हाईवे सेफ्टी सॉल्यूशंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के नाम से एक और कंपनी राकेश वर्मा ने रजिस्टर्ड करा रखी है। एक अधिकारी द्वारा विभिन्न सरकारी पदों पर रहते हुए उसी विभाग में अपने पुत्र की कंपनियों को लाभ पहुंचाने का यह मामला सीधे-सीधे भ्रष्टाचार का बनता है। अब इस मामले को विधानसभा में जोर-शोर से उठाने की तैयारी की जा रही है।