भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (MP) में लापरवाही पर अधिकारियों कर्मचारियों (officers employees on negligence) पर कार्रवाई का सिलसिला जारी है। दरअसल उज्जैन में केंद्रीय जेल में जेल प्रहरी पर लगातार बंदियों को मादक पदार्थों नशे की सामग्री उपलब्ध कराने के आरोप लग रहे हैं। शुक्रवार रात को जेल अधीक्षक ने जेल प्रहरी को जेल में तंबाकू से भरे मौजे फेंकने के मामले में निलंबित (Suspend) कर दिया है।
शनिवार को एक ऑडियो इंटरनेट पर वायरल हो रहा है। जिसमें जेल प्रहरी जेल अधीक्षक पर रजिस्टर फाड़ने का आरोप लगा रहे हैं। जेल अधीक्षक उषा राज शुक्रवार रात को करीब 9:45 बजे जेल भ्रमण पर निकली थी। इस दौरान बाहरी दीवाल की सुरक्षा ड्यूटी पर पर लगे एक जेल प्रहरी सनी गहलोत की कुर्सी के पास जो तंबाकू से भरे मौजे जप्त किए गए थे। जिसके बाद जेल अधीक्षक ने जेल प्रहरी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था। अब इस मामले में एक ऑडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा है।
उषा राज का कहना है कि रेजिस्टर फटा हुआ था। जिसको लेकर उन्होंने जेल प्रहरी से उसे प्लास्टिक की थैली में रखने को कहा था। वही तंबाकू मिलने के बाद जेल प्रहरी को निलंबित कर दिया गया था। इससे पहले भी जेल प्रहरी को नोटिस जारी किया जा चुका है।
एक अन्य कार्रवाई ब्यावरा में की गई है। यहां 3 दिन पहले शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए ट्रैफिक सिग्नल लगाए गए थे। हालांकि ट्रैफिक सिग्नल के लिए ठेकेदार द्वारा भुगतान नहीं करने पर सारे शहर के ट्रैफिक सिग्नल निकाली जा रहे हैं। ट्रैफिक सिग्नल लगाने के बाद 1 महीने तक भी सही ढंग से काम नहीं कर पाने की वजह से नगरपालिका ने ठेकेदार को सिग्नल ठीक तरह से चालू करने के लिए नोटिस थमा दिया है।
वहीं ट्रैफिक सिग्नल के लिए सोलर प्लेट और बैटरी लगाकर ट्रैफिक बत्तियां चालू की गई लेकिन 2 दिन से ज्यादा वह भी नहीं चली। जिसके बाद अब नगर पालिका द्वारा ठेकेदार को भुगतान करने से रोक दिया गया है। वही ठेकेदार को नोटिस जारी कर जल्द से जल्द कार्य को पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।
एक अन्य कार्रवाई भोपाल जिले में की गई है। जहां आरटीओ स्कूल बसों की जांच के बाद 25 बसों में कमियां पाते हुए खामियां दूर करने के लिए नोटिस थमा दिया है। इन बसों में किसी के साइड ग्लास, खिड़कियों के कांच और फर्स्ट एड बॉक्स में दवाई और पट्टी नहीं होने जैसी बात कही गई है।
इधर आरटीओ अश्वनी खरे ने कहा कि आयोग के साथ संयुक्त अभियान चलाया गया। जिसमें 25 स्कूल बसों में फिजिकल वेरीफिकेशन के दौरान कमी पाई गई है इन बस संचालक को नोटिस जारी किया गया जबकि दो व्यक्त कर लिए गए हैं।दरअसल बसों को सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन करने अनिवार्य है। वहीं मध्य प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग के आदेश पार्टियों ने कई स्कूलों के बसों की जांच की है। वहीं संजय तिवारी का कहना है कि स्कूल बस और वैन का निरंतर जांच अभियान जारी रहेगा।
वहीं एक अन्य कार्यवाही हरदा जिले में की गई है। जहां 2 शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।शासकीय कार्य में लापरवाही बरतने और पद के प्रति अनुशासनहीनता को देखते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। हालांकि निलंबन के दौरान उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता उपलब्ध कराया जाएगा।