भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (MP) में लापरवाह अधिकारी कर्मचारी (negligent officer employee) पर Suspend-notice कार्रवाई का सिलसिला जारी है। अब राजधानी भोपाल से बड़ी खबर सामने आई है। जहां सीएम हेल्पलाइन (CM Helpline) की शिकायत और समस्याओं का निराकरण न करने के कारण भोपाल कलेक्टर (bhopal collector) द्वारा वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी को कारण बताओ नोटिस (show cause notice) जारी कर दिया गया है। साथ ही कई अधिकारी कर्मचारी को सस्पेंड (suspended) किया गया है।
जानकारी के मुताबिक हर सप्ताह भोपाल कलेक्टर सरकार द्वारा समस्त युवाओं की समीक्षा करते हैं। इस दौरान कर्मचारियों के कर्तव्य पालन सहित लगातार लोगों की समस्याओं की सुनवाई होती है। वहीं बीते दिनों बैठक के दौरान समीक्षा करते हुए अविनाश लवानिया ने कर्तव्य के पालन में लापरवाही और उदासीनता बरतने के लिए वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी पीएस गोयल और प्रबंध संचालक, आर. पी. हजारी, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक भोपाल को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। इतना ही नहीं कलेक्टर अविनाश लवानिया ने दोनों अधिकारियों को 24 घंटे में जवाब देने को कहा है साथ ही इनके दो वेतन वृद्धि रोकी की गई है।
MPPSC : उम्मीदवारों के लिए बड़ी खबर, आयोग ने जारी किया रिजल्ट, 22 पदों पर होगी भर्ती
इसके अलावा राजधानी भोपाल के अमझेरा गांव में बिजली बिलों में गड़बड़ी पाए जाने के बाद लाइटमैन को सस्पेंड किया गया है दरअसल जानकारी के मुताबिक मीटर रीडिंग करने वाले आउटसोर्स कर्मचारी की सेवा समाप्त करने के आदेश जारी किए गए हैं।
जानकारी के मुताबिक ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने अमझेरा गांव पहुंचकर बिजली बिल से संबंधित शिकायतों की सुनवाई की इस दौरान सहायक प्रबंधक अंकित विमल वर्तमान प्रबंधक एसएस मलिक और संजय कुमरे को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है। इसके अलावा Meter Reading करने वाले आउटसोर्स कर्मचारी की सेवा समाप्त कर लाइटमैन को सस्पेंड करने के ऑर्डर दिए गए हैं।
वही बदनावर की एक और कार्रवाई में नगर परिषद के फर्जी हस्ताक्षर कर दुकानदार को प्रमाण पत्र जारी करने का मामला सामने आया जिसके बाद निकाय में पदस्थ सहायक राजस्व निरीक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के निर्देश दे दिए गए इसके साथ ही उन पर विभागीय जांच के आदेश जारी किए गए हैं।
जानकारी के मुताबिक धार के बदनावर में लाला लाजपत राय मार्ग निवासी शैलेंद्र कुमार की दुकान में नगर परिषद द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन प्रस्तुत किया था इस मामले में उन्होंने कर्मचारी सहायक राजस्व निरीक्षक राजेश राठौर से संपर्क किया। राजेश राठौड़ द्वारा फर्जी हस्ताक्षर कर उन्हें अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया था।
इस मामले में जब आवेदक किसी अन्य जगह से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने कार्यालय में आया तो है फर्जी हस्ताक्षर से जारी प्रमाण पत्र के खुलासे के बाद मामला सीएमओ तक पहुंचा इस मामले में सीएमओ आशा भंडारी का कहना है कि मामला संज्ञान में आते ही संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर दिया गया है। जिसके बाद उसे निलंबित कर विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं।