जबलपुर, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट (MP High court) ने अतिथि विद्वानों (Guest scholars) को राहत दी है। दरअसल इंजीनियरिंग (engineering)- पॉलिटेक्निक कॉलेज (polytechnic college) में पढ़ाने वाले अतिथि शिक्षकों को 11 महीने में हटाने की प्रक्रिया मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने स्थगित कर दी है। इस मामले में उच्च न्यायालय द्वारा अंतरिम आदेश जारी किया गया है। वहीं याचिका पर आए फैसले और नई चयन प्रक्रिया जारी होने तक गेस्ट फैकेल्टी को नहीं हटाया जा सकेगा।
दरअसल मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ और न्यायमूर्ति पुरुषइंद्र कुमार कौशल के युगल पीठ द्वारा तकनीकी शिक्षा विभाग के सचिव, तकनीकी शिक्षा संचालनालय के आयुक्त, उज्जैन इंजीनियरिंग कॉलेज और पॉलिटेक्निक कॉलेज सहित AICTE को नोटिस जारी किया गया है। साथ ही 26 अप्रैल तक उन्हें नोटिस जारी कर जवाब मांगे गए हैं। मामले की अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी।
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वही वकील ने दलील देते हुए कहा कि उच्च शिक्षा विभाग द्वारा 27 जनवरी को एक परिपत्र जारी किया गया था। जिसमें आगामी सत्र में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति 11 माह के लिए होने की बात कही गई है। वकील ने दलील देते हुए कहा कि अतिथि विद्वान कई वर्षों से पदस्थ हैं। ऐसी स्थिति में अतिथि विद्वानों को हटाया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार जब तक पूरी नहीं हो जाती तब तक अतिथि विद्वानों को हटाया नहीं जा सकता।
इतना ही नहीं मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने वर्तमान अतिथि शिक्षकों को नियुक्ति प्रक्रिया में प्राथमिकता देने के निर्देश जारी किए हैं। याचिका में मांग की गई है कि यूजीसी की गाइडलाइन के अनुसार गेस्ट फैकेल्टी को अधिकतम ₹50000 का वेतन उपलब्ध कराया जाए जबकि वर्तमान के वेतन मुताबिक लिस्ट फैकल्टी को फिलहाल अधिकतम ₹30000 उपलब्ध कराए जा रहे हैं। जिसके बाद हाईकोर्ट ने इस मामले में रोक लगा दी है। साथ ही तकनीकी शिक्षा संचालनालय के आयुक्त, तकनीकी शिक्षा विभाग के सचिव सहित AICTE को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।