भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (MP) में जहरीली शराब (poisonous liquor) से हुई मौत के बाद मध्य प्रदेश सरकार (shivraj government) ने बड़ा फैसला लेते हुए प्रदेश में मद्य निषेध सप्ताह का ऐलान किया था। इस दौरान भारी चर्चा में मध्यप्रदेश में शराबबंदी के भी मुद्दे उठाए गए थे। जिसके बाद सीएम शिवराज (CM Shivraj) ने कहा था कि मध्य प्रदेश में शराबबंदी से कोई हल नहीं निकलने वाला है। इसके बावजूद लोग अपनी स्वतंत्रता से अगर शराब छोड़े तो अधिक फायदा होग। जिसके बाद मध्यप्रदेश में मद्य निषेध सप्ताह का ऐलान किया गया था।
राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी की जयंती के अवसर पर 2 से 8 अक्टूबर तक प्रदेश में मद्य निषेध सप्ताह मनाया जायेगा। आयुक्त सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण द्वारा ‘नशामुक्त भारत अभियान’ पर केन्द्रित और corona को मद्देनजर रखते हुए सभी कलेक्टर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी और विभागीय अधिकारियों को आयोजन के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किये हैं।
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सप्ताह के दौरान नशामुक्ति पर वर्चुअल व्याख्यान, वेबिनार, जन-जागृति रैली और नुक्कड़ नाटक कराये जायेंगे। स्थानीय विद्यालयों में नशामुक्ति विषयक प्रतियोगिताएँ और प्रश्न-मंच का आयोजन होगा। ग्राम सभाओं में नशामुक्त ग्राम बनाने संबंधी प्रस्ताव पारित कराये जाकर उनका पालन कराया जायेगा। ग्राम एवं नगर स्तर पर स्थानीय व्हाट्सअप ग्रुप के माध्यम से नशामुक्ति संदेश और लघु फिल्में प्रसारित की जायेंगी। शहरी और ग्रामीण, दोनों क्षेत्रों में नशामुक्ति अभियान के लिये स्थानीय स्वयंसेवक तैयार किये जायेंगे। स्व-सहायता समूह, शौर्य दल द्वारा भी स्थानीय स्तर पर अभियान चलाकर लोगों को नशे के दुष्परिणामों से आगाह किया जायेगा।
नशा पीड़ितों के उपचार के लिये सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर स्वास्थ्य परीक्षण शिविर लगेंगे। नशामुक्ति पर आधारित पोस्टर-प्रदर्शनी लगाने के साथ नशाबंदी साहित्य, पोस्टर, पेम्फलेट आदि का वितरण भी किया जायेगा। सभी जिले मद्य निषेध सप्ताह के दौरान आयोजित कार्यक्रमों का प्रतिवेदन सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग को भेजेंगे।