भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण (MP OBC Reservation) को लेकर अभी भी मामला अटका हुआ है। ऐसे में 14 फ़ीसदी से 27 फीसद आरक्षण (27% Reservation) सरकार के साथ-साथ विभागों के लिए भी चुनौती बनकर बैठा हुआ है। कई मामलों में विभाग (Department) द्वारा 27% ओबीसी आरक्षण देने की प्रक्रिया अपनाई है लेकिन ऐसे मामले फौरन ही न्यायालय पहुंच गए। ऐसे में अब ओबीसी आरक्षण के शिकार हुए चयनित शिक्षक में भारी विरोध देखा जा रहा है। इतना ही नहीं चयनित शिक्षकों ने सरकार को अल्टीमेटम (Ultimetum) भी दे दिया है।
दरअसल बीते दिन स्कूल शिक्षा विभाग और जनजातीय कार्य विभाग द्वारा शिक्षकों की नियुक्ति पत्र आदेश जारी किए गए थे। 16 मार्च को जारी हुए इस आदेश में ओबीसी वर्ग एक भी उम्मीदवार की नियुक्ति नहीं की गई। जिसके बाद से ओबीसी वर्ग के चयनित शिक्षक विरोध में है। इस मामले में ओबीसी उम्मीदवारों का कहना है कि स्कूल शिक्षा और जनजातीय कार्य विभाग द्वारा सभी विषयों की नियुक्ति पत्र जारी कर दिए गए हैं। लेकिन ओबीसी उम्मीदवारों की नियुक्ति पत्र जारी नहीं किए गए जबकि 27 फीसद के हिसाब से उम्मीदवारों को नियुक्ति का लाभ दिया जाना चाहिए था।
Government Job: कई पदों पर निकली भर्ती, मिलेगी 1 लाख तक की सैलरी, जाने अन्य डिटेल्स
जनजाति कार्य विभाग में 11 विषयों में चयनित शिक्षकों को 27 फीसद के आरक्षण का लाभ दिया गया है जबकि पांच विषय में 14 फीसद के हिसाब से आरक्षण का लाभ दिया गया है। वही इन विषयों में अन्य पदों फोल्ड कर दिए गए हैं। जिस पर ओबीसी उम्मीदवारों का भारी विरोध देखने को मिल रहा है। बता दें कि माध्यमिक शिक्षक के दो विषय संस्कृत और सामाजिक विज्ञान में 14 फीसद पर ओबीसी आरक्षण को नियुक्ति दी गई थी।
वहीं इस मामले विभाग का कहना था कि बारी अभ्यर्थी द्वारा हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिका दायर होने पर 13 फीसद पर को होल्ड कर दिया गया है। जब तक अभ्यर्थियों के याचिका पर कोर्ट की सुनवाई नहीं होती तब तक इसे होल्ड पर रखा जाएगा। वही अभ्यर्थियों का कहना है कि नियुक्ति प्रक्रिया में मनमाना तरीका अपनाया जा रहा है। बता दें कि स्कूल शिक्षा व जनजातीय कार्य विभाग द्वारा उच्च माध्यमिक माध्यमिक शिक्षकों के 30000 पदों पर 2018 में विज्ञापन जारी हुआ था। जिसके लिए फरवरी-मार्च 2019 में पात्रता परीक्षा आयोजित की गई थी।
वहीं 27 फीसद आरक्षण के बाद विभाग द्वारा चयन सूची बनाई गई। जिस पर 10 जनवरी 2020 से जुलाई 2021 तक चयन प्रक्रिया का संचालन किया गया था। वही उच्च माध्यमिक और माध्यमिक शिक्षा के 6000 पदों पर नियुक्ति अभी बाकी है। जिसके लिए जनजाति कार्य विभाग द्वारा 3997 पदों पर नियुक्ति बाकी है जबकि हाई कोर्ट द्वारा स्थगन आदेश जारी नहीं किया गया है। ना ही विभाग की तरफ से कोई रोक लगा है। बावजूद इसके सिर्फ याचिका दायर होने की वजह से नियुक्ति को रोक दिया गया है। जिसके बाद से उम्मीदवार गुस्से में है।