भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। 3-4 दिनों बाद एक बार फिर मध्य प्रदेश का मौसम बदलने वाला है। पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से नवंबर के पहले सप्ताह में पूरे प्रदेश में कड़ाके की ठंड पड़ेगी। अगले 5 से 6 दिन तक मौसम शुष्क रहेगा। नवंबर माह के पहले पखवाड़े में जब पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होंगे और हिमालय क्षेत्र में बर्फबारी होगी,उसके बाद ही ठंड का असर बढ़ेगा।वर्तमान में मध्य में एक प्रति चक्रवात बन गया है, जिसके चलते ऊपर के स्तर पर हवाओं के साथ नमी आने लगी है और तापमान में आंशिक वृद्धि होने लगी है।
एमपी मौसम विभाग (MP Weather Update) के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती हवाओं का घेरा 4.5 किलोमीटर ऊंचाई तक बना हुआ है और 29 अक्टूबर से नॉर्थ ईस्ट मानसून शुरू हो रहा है, इसके असर से आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक व केरल में हल्की से मध्यम बारिश होने की चेतावनी है। लेकिन मध्य प्रदेश में बारिश के आसार नहीं है।वही नवंबर में नॉर्थ ईस्ट की बारिश के कारण नवंबर में प्रदेश में कड़ाके की ठंड पड़ना शुरू होगी।
एमपी मौसम विभाग (MP Weather Forecast) के मुताबिक, पश्चिम विक्षोभ (पाकिस्तान से आ रही हवाएं) अभी कमजोर हैं और हिमालय में बर्फबारी नहीं होने से हवाएं स्ट्रांग नहीं हैं। जिसके कारण मौसम शुष्क हो रहा है लेकिन तेज ठंड नहीं पड़ रही है, लेकिन जैसे ही ये हवाएं नीचे आएंगी, इसके बाद मध्यप्रदेश में ठंडक का असर दिखाई देने लगेगा।इस महीने के अंत तक न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम रहेगा। वहीं अधिकतम सामान्य से एक डिग्री अधिक ही रहेगा।
एमपी मौसम विभाग (MP Weather Today) के मुताबिक, पश्चिमी मध्य प्रदेश पर एक प्रति चक्रवात के कारण हवाओं का रुख बार बार बदल रहा है। अभी एक–दाे दिन भाेपाल, इंदौर एवं उज्जैन संभागाें के जिलाें में रात के तापमान में गिरावट हाेने की संभावना कम है। शेष संभागाें के जिलाें में तापमान में विशेष परिवर्तन हाेने के आसार नहीं हैं। वर्तमान में बंगाल की खाड़ी या अरब सागर में काेई मौसम प्रणाली सक्रिय नहीं है। उत्तर भारत के आसपास काेई पश्चिमी विक्षाेभ भी नहीं है। इस वजह से मध्य प्रदेश का मौसम शुष्क बना हुआ है।