देश का प्रमुख निर्यातक राज्य बन उभरेगा MP, आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के तहत विभिन्न स्तरों पर की जा रही तैयारी

Kashish Trivedi
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। आत्मनिर्भर भारत (Aamtmnirbhar bharat) की तर्ज पर आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश (atmnirbhar madhya pradesh) की कार्यशैली को शिवराज सरकार (shivraj government) पूरा करने में जुट गई है। एक प्रमुख निर्यातक (exporter) राज्य बनने की ओर अग्रसर मध्य प्रदेश अनाज सहित कई आवश्यक वस्तुओं को विदेशों में निर्यात कर रही है। इसके बाद पिछले 5 सालों में मध्यप्रदेश के निर्यात (export) में तेजी से वृद्धि देखी गई है। वहीं अब मध्य प्रदेश गेहूं का प्रमुख निर्यातक बन इतिहास रचने की तैयारी में है।

आंकड़ों की बात करें तो आज मध्यप्रदेश की निर्यात दर (export rate)-राष्ट्रीय औसत दर (national average rate) से अधिक है। वहीं गेहूं के विदेशी निर्यात के लिए भी तेजी से कदम उठाए जा रहे हैं। बीते दिनों इस को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा केंद्रीय मंत्री सहित निर्यातकों से बैठक की गई थी। विश्व के कई प्रमुख देश के खरीदने की तैयारी में है। बीते 6 सालों में मध्यप्रदेश में निर्यात दर में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिली है। बीते 6 सालों की बात करें तो मध्यप्रदेश की औसत निर्यात दर 9.1 फीसद की वृद्धि दर्ज की गई है जबकि राष्ट्रीय निर्यात दर की वृद्धि महज 0.6 फीसद है।

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वहीं अब गेहूं के निर्यात के रूप में विश्व विख्यात होने की तैयारी कर रहे मध्य प्रदेश के निर्यात दर को अधिक बेहतर होने की संभावना जताई जा रही है। मध्य प्रदेश के निर्यात दिल में बीते 6 सालों में बेहद आश्चर्यजनक बढ़ोतरी देखने को मिली है। ऐसा तब हुआ है जब राज्य की अपनी कोई निर्यात नीति नहीं है। माना जा रहा है कि निर्यात नीति आने से मध्यप्रदेश के निर्यात मामले में और अधिक उछाल आएगा।

आंकड़ों की बात करे तो सुशासन के लिए पेश किए गए तथ्य में जानकारी देते हुए बताया गया है कि मध्य प्रदेश का विदेशी मुद्रा में 2008 से 2017 के बीच राष्ट्रीय निर्यात 2.1 फीसद हिस्सेदारी कर रहा है। इसके अलावा गेहूं के निर्यात होने में और इजाफा देखने को मिल सकता है। 2020-21 में MP में 6677 मिलियन का निर्यात किया गया है। मध्य प्रदेश के गेहूं का निर्यात किया जाएगा।

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वहीं गेहूं के निर्यात के मामले में मध्यप्रदेश बनेगा। बता दे कि इसके लिए फील्ड से गेहूं के उठाओ का कार्य भी शुरू कर दिया गया। विभिन्न जिले में गेहूं की गुणवत्ता और स्थितियां जांचने के लिए टीमें जिला मुख्यालय पहुंचेगी। गेहूं की ग्रेडिंग की जाएगी इसके लिए नियमावली तैयार की जा रही है।

इसके अलावा दवाई, खाद्यान्न और कॉटन यार्न की भी मध्य प्रदेश से दुनिया भर में महत्वपूर्ण मांग देखी जा रही है। पहली बार 60 हजार करोड़ के स्तर के निर्यात को पार किया गया है। जिसके बाद मध्य प्रदेश के कुल निर्यात में हिस्सेदारी 2.25 फीसद देखने को मिली है। साथ ही 2021 में फार्मा सेक्टर में भी निर्यात में बढ़ोतरी देखने को मिली है। पिछले साल मध्य प्रदेश से लगभग 6550 करोड की दवाएं विदेश भेजी गई है। MP में विदेश में निर्यात बढ़ाने के लिए एक जिला एक उत्पाद योजना को लेकर भी तेजी से कार्य किया जा रहा है।

मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने उम्मीद जताई है कि ऐसे के बाद सामने आएंगे जिसे विदेश में अच्छी मांग बढ़ेगी और इसकी ब्रांडिंग कर निर्यात बढ़ाए जा सकेंगे। विदेशों में निर्यात के लिए कई उद्यानिकी उत्पाद को भी शामिल किया गया है। ज्ञात हो कि निर्यात के मामले में देश के 24 प्रमुख औद्योगिक सेक्टर में से 5 सेक्टर में मध्यप्रदेश के हिस्से में आते हैं। जिनको बेहतर करने की स्थिति जारी है। इसके लिए मार्केटिंग और सप्लाई चैन मैनेजमेंट को दुरुस्त करने की तैयारी की जा रही है। जिसके बाद निर्यात में कई गुना इजाफा देखने को मिल सकता है।


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