भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश सरकार (Shivraj Government) किसानों (MP Farmers) को एक और बड़ी राहत मिल सकती है। प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों (Primary Agricultural Credit Co-operative Societies) के माध्यम से खरीफ सीजन में ऋण (loan) लेने वाले किसानों को ऋण चुकाने के लिए और मौका दिया जा सकता है। हालांकि अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अभी तक सिर्फ 22 फीसद किसान द्वारा कर्ज का भुगतान किया गया है।
वहीं मध्यप्रदेश में गेहूं चना सहित अन्य उपज की बिक्री भी शुरू हो गई है। वही किसानों द्वारा सीएम शिवराज (CM Shivraj) से कर्ज अदायगी की अंतिम तिथि को बढ़ाने की मांग की जा रही है। माना जा रहा है कि इस पर जल्द सहमति बन सकती है। इससे पहले किसानों द्वारा कर्ज अदायगी की तारीख 28 मार्च रखी गई थी। हर साल जिला सहकारी केंद्रीय बैंक द्वारा साढ़े चार हजार से ज्यादा प्राथमिक शिक्षक सहकारी समिति के माध्यम से किसानों को ब्याज सहित अल्प अवधि ऋण उपलब्ध कराए जाते हैं। वहीं किसानों द्वारा खरीफ सीजन के कर्ज को 28 मार्च तक से करना अनिवार्य होता है। जो किसान 28 मार्च तक अपने ऋण की अदायगी नहीं कर पाते वह डिफॉल्टर माने जाते हैं। पात्र किसानों को भुगतान के बाद ऋण उपलब्ध कराया जाता है।
वैसे सहकारिता विभाग के अधिकारियों की माने तो अभी तक खरीफ सीजन 2021 में दिए गए इनमें से 22 फीसद की वसूली की जा सकती है। जिसके बाद किसानों द्वारा सीएम शिवराज से अंतिम तिथि को बढ़ाने की मांग की जा रही है। बता दें कि मध्यप्रदेश में गेहूं चना सहित अन्य फसलों की की बिक्री और उपार्जन का कार्य शुरू हो गया है। वहीं किसानों के पास राशि की दिक्कत ना हो और ऋण चुकाने में किसान सक्षम हो।
इसके लिए राज्य शासन द्वारा किसानों के हित में जल्द एक और बड़ा फैसला लिया जा सकता है। वहीं अधिकारियों का कहना है कि बैंक कर्ज वसूल करके किसानों को दूसरे सीजन के लिए उपलब्ध कराते हैं। इसलिए किसानों से ऋण की वसूली अनिवार्य है। ऐसा नहीं होने की स्थिति में किसानों को बैंकों द्वारा डिफॉल्टर घोषित कर दिया जाता है और किसानों को राशि की समस्या हो सकती है।