वहीं छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग के साथ ही अब कई राज्यों ने भी पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग पर तैयारी शुरू कर दी है। जिसके बाद जल्द सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना के लाभ मिलने के आसार नजर आ रहे हैं। झारखंड सरकार के अलावा अब तमिलनाडु और पंजाब सरकार ने भी इस मामले में पहल शुरू कर दी है। झारखंड सरकार ने इस प्रक्रिया पर विचार करना शुरू किया। इसके अलावा छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कर्मचारियों के डाटा मंगवा लिए गए हैं। जल्द प्रक्रिया को पूरा करने की दिशा में आगे कार्य शैली अपनाई जाएगी।
राजस्थान और छत्तीसगढ़ के अलावा पंजाब, तमिलनाडु और झारखंड समेत कई राज्य पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की तैयारी में हैं। केंद्र सरकार ने 1 जनवरी 2004 को पुरानी पेंशन योजना को समाप्त कर दिया और नई पेंशन योजना, राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) की शुरुआत की।
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एनपीएस लाने के एक साल के भीतर ही लगभग सभी बड़े राज्यों ने इसे अपने स्तर पर लागू कर दिया। 28 फरवरी 2022 तक राज्य सरकारों के 50 लाख से अधिक कर्मचारी एनपीएस के तहत थे, जबकि 22 लाख से अधिक केंद्रीय कर्मचारी इसके लाभार्थी हैं। पुरानी पेंशन के लागू होने से राज्यों के लिए चुनौतियां भी बढ़ेंगी।
पुरानी पेंशन योजना की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:
- पुरानी पेंशन योजना में सामान्य भविष्य निधि की सुविधा उपलब्ध है।
- पेंशन के लिए वेतन से कोई कटौती नहीं की जाएगी।
- सेवानिवृत्ति के बाद एक निश्चित पेंशन दी जाती है, यानी अंतिम वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलता है।
- पेंशन की पूरी राशि सरकार देती है।
- यदि किसी सरकारी कर्मचारी की सेवा के दौरान मृत्यु हो जाती है तो आश्रित परिवार पेंशन का हकदार होगा।
एनपीएस योजना के तहत क्या नहीं मिलेगा?
इसके अतिरिक्त, एनपीएस के तहत कोई सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) सुविधा उपलब्ध नहीं होगी। वेतन से हर महीने एक निश्चित राशि काटी जाएगी। सेवानिवृत्ति के बाद निश्चित पेंशन की कोई गारंटी नहीं कर्मचारी के लिए पेंशन की राशि शेयर बाजार के रिटर्न पर निर्भर करेगी। एन्युटी खरीदने के बाद पेंशन बीमा कंपनी एनपीएस में देगी। एनपीएस में महंगाई और वेतन आयोग का लाभ नहीं मिलेगा।
पुरानी पेंशन योजना से संबंधित चुनौतियां
- राज्य के बजट पर पड़ेगा बड़ा असर
- राज्य सरकारों पर बोझ बढ़ेगा। पैसा कहां से लौटाया जाएगा।
- हालांकि, अभी तक एनपीएस में जमा किए गए पैसे का क्या होगा, इस पर कोई स्पष्टता नहीं है और
- सरकारें इस पैसे को वापस ले सकती हैं।