नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। पीएम किसान सम्मान (PM Kisan) का लाभ पाने वाले किसानों (farmers) के लिए बड़ी खबर है। दरअसल जल्द किसानों को 11वीं किस्त (11th installments) जारी की जा सकती है। माना जा रहा है कि रामनवमी के मौके पर किसानों के खाते में 11वीं किस्त भेजी जाएगी। यदि ऐसा नहीं होता है तो इस महीने के अंतिम सप्ताह तक किस्त मिलने की संभावना जताई गई है। इसके साथ ही साथ ईकेवाईसी (E-Kyc) को लेकर भी प्रक्रिया जारी है। जिन किसानों ने ekyc नहीं करवाया है, वो जल्द से जल्द इस प्रक्रिया को पूरा करें। इस प्रक्रिया के पूरा नहीं होने की स्थिति में किसानों के खाते में सम्मान की राशि नहीं पहुंच पाएगी।
पिछले हफ्ते सरकार ने पीएम किसान निधि के तहत ईकेवाईसी को पूरा करने की समय सीमा 22 मई 2022 तक बढ़ा दी थी। लेकिन, अब एक बार फिर इसमें बदलाव किया गया है। लोग 31 मई तक ईकेवाईसी का कार्य पूरा कर सकेंगे। हालांकि ईकेवाईसी के लिए सत्यापन प्रक्रिया में पीएम किसान की आधिकारिक वेबसाइट पर ई-केवाईसी विकल्प अब कार्यात्मक / चालू नहीं है।
क्या कहती है PM Kisan वेबसाइट
PM Kisan पोर्टल पर दी गई जानकारी के अनुसार, Pm kisan Registered किसानों के लिए eKYC अनिवार्य है। बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के लिए कृपया अपने नजदीकी सीएससी केंद्रों से संपर्क करें। OTP Authentication के माध्यम से आधार आधारित E-kyc को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है। और सभी PMKISAN लाभार्थियों के लिए eKYC की समय सीमा 31 मई 2022 तक बढ़ा दी गई है।
11वीं किस्त के लिए E-Kyc अनिवार्य
पीएम किसान योजना के लाभार्थियों को ईकेवाईसी को अपडेट करना होगा यदि वे रुपये की अगली या 11वीं किस्त चाहते हैं। योजना के तहत, केंद्र सरकार 2000 रुपये की तीन समान किस्तों में प्रति वर्ष 6,000 की आय सहायता प्रत्येक किसान को प्रदान करती है।
इसके साथ ही देशभर के कई अपात्र किसान भी किसान सम्मान निधि का राशि का लाभ ले रहे हैं। जिसके लिए अब केंद्र सरकार ने सख्त रुख अपनाया जल्द सभी किसानों को राशि सरकार को वापस करने की हिदायत दी गई है। बता दे कि सबसे अधिक अपात्र किसान उत्तर प्रदेश और बंगाल में दर्ज किए गए हैं।
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यह योजना लाभार्थियों के AADHAR विवरण से जुड़ी हुई है और Database में उन किसानों और उनके परिवारों के सभी सदस्यों के महत्वपूर्ण विवरण शामिल हैं जिनके नाम भूमि रिकॉर्ड में दिखाई देते हैं। PM Kisan योजना एक केंद्र सरकार की योजना है जिसमें भारत सरकार से 100 प्रतिशत वित्त पोषण होता है। पैसा सीधे किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर किया जाता है।
इस बीच, लोकसभा में एक लिखित उत्तर में, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार पश्चिम बंगाल सहित सभी राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में पीएम किसान योजना को लागू करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है।ग्रामीण विकास मंत्रालय संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्रियों या उनके मंत्रिस्तरीय प्रतिनिधियों के साथ केंद्रीय कृषि मंत्री, संबंधित पूर्वोत्तर राज्यों के प्रस्ताव के आधार पर तैयार किया जाएगा।
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ऐसे राज्यों या क्षेत्रों में, किसानों की पात्रता के लिए एक वैकल्पिक कार्यान्वयन तंत्र विकसित किया जाएगा और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (DoNER) के केंद्रीय मंत्रियों की समिति द्वारा अनुमोदित किया जाएगा। भारत के कुछ उत्तर पूर्वी राज्यों में, भूमि स्वामित्व अधिकार समुदाय आधारित हैं, और भूमिधारक किसानों की मात्रा का मूल्यांकन करना संभव नहीं हो सकता है।