भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। झारखण्ड विधानसभा (Jharkhand Vidhansabha) के नए भवन में नमाज (Namaz ) पढ़ने के लिए अलग से एक कमरा अलॉट किये जाने के बाद देश की सियासत में उबाल आ गया। झारखण्ड की तरह ही उत्तर प्रदेश विधानसभा (UP Vidhansabha) में भी अलग प्रार्थना कक्ष बनाये जाने की मांग सपा विधायक ने कर दी। इस मांग के बाद मध्यप्रदेश भाजपा के तेज तर्रार विधायक रामेश्वर शर्मा (BJP MLA Rameshwar Sharma) ने करारा जवाब दिया है।
मध्यप्रदेश भाजपा के फायर ब्रांड नेता और भोपाल की हुजूर विधानसभा से विधायक रामेश्वर शर्मा ने झारखण्ड सरकार द्वारा नमाज के लिए अलग कमरा आवंटित करने और फिर उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के विधायक इरफ़ान सोलंकी द्वारा ऐस ही मांग करने पर पलटवार किया है।
भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने ट्वीट कर कहा – मुस्लिम कट्टर पंथियों के सामने झारखंड सरकार ने घुटने टेके हैं , चाटूकारिता की हद है, ये निर्णय देश में नये नये जिन्नाओं को जन्म देगा। MP-UP विधानसभा में एक इंच जमीन नहीं दी जाएगी, विधानसभा में सिर्फ बाबा साहेब के संविधान की इबादत होती है।
— Rameshwar Sharma (मोदी का परिवार) (@rameshwar4111) September 8, 2021
उधर भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा के बयान पर भोपाल से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने पलटवार किया है. उनका कहना है कि इस मामले को बेवजह तूल देने की जरूरत नहीं है। प्रार्थना भवन के लिए जो मांग उठी है। मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूँ कि ज्यादा है जरूरत है तो ऐतराज नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यालयों थानों में में भी मंदिर होते हैं लेकिन हमने कभी एतराज नहीं किया।
गौरतलब है कि झारखण्ड विधानसभा के स्पीकर रविंद्र नाथ महतो के आदेश के बाद कमरा नंबर TW -348 को नमाज के लिए आवंटित किया गया है। स्पीकर के इस आदेश पर रांची से भाजपा विधायक सीपी सिंह आपत्ति जताई है। विधायक सीपी सिंह ने स्पीकर से विधानसभा परिसर में हिन्दू भावनाओं का ध्यान रखते हुए मंदिर बनवाने की मांग की है। उधर भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि विधानसभा लोकतंत्र का वह मंदिर है, जिसे किसी धर्म या पंथ की परिधि में समेट कर नहीं रखा जा सकता।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....