लंबित परिणामों को लेकर परीक्षार्थियों ने MPPSC से की बड़ी मांग, चेयरमैन को लिखा पत्र

Kashish Trivedi
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। लंबे समय से परीक्षा परिणामों का इंतजार कर रहे MPPSC छात्रों ने बड़ा कदम उठाया है। OBC Reservation मामले में अभी तो कोई बड़ा निर्णय नहीं लिया गया। जिसके बाद अब MPPSC के छात्रों ने ओबीसी के लिए 14% आरक्षण के पुराने नियम के साथ परीक्षा परिणाम जारी करने और चयन प्रक्रिया को पूरा करने की मांग की है। इसके साथ ही साथ MPPSC छात्रों का कहना है कि अगर जल्द से जल्द पुराने परीक्षाओं के परीक्षा परिणाम जारी नहीं किए जाते हैं तो प्रदेश के कई लाख छात्रों पर बड़ा असर होगा और वह परीक्षा के लिए अपात्र हो जाएंगे।

दरअसल MPPSC राज्य सेवा मुख्य परीक्षा-2019 देने वाले 10,000 से अधिक उम्मीदवारों और राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा-2020 में उपस्थित हुए 3.4 लाख उम्मीदवारों ने OBC के लिए 14 प्रतिशत आरक्षण के पुराने नियम के साथ परिणाम जारी करने और चयन प्रक्रिया को पूरा करने की मांग की है।

उम्मीदवारों ने इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (shivraj singh chouhan) और MPPSC अध्यक्ष को पत्र लिखा है। चूंकि OBC Reservation का मामला विचाराधीन है, मुख्य परीक्षाओं के परिणाम आठ महीने से अटके हुए हैं और पिछले चार महीनों से प्रारंभिक परीक्षाओं का परिणाम घोषित नहीं किया जा सका है।

परीक्षा में शामिल हुए साढ़े तीन लाख से अधिक उम्मीदवार परिणाम घोषित होने का इंतजार करते-करते थक चुके हैं। इसके साथ ही मप्र में करीब छह लाख अन्य उम्मीदवार भी आरक्षण विवाद से जूझ रहे हैं। ये वे उम्मीदवार हैं जो MPPSC की विभिन्न परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं।

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आरक्षण के मुद्दे पर अंतिम आदेश लंबित होने के कारण राज्य सेवा परीक्षा-2021 की घोषणा भी नहीं हो सकी है, जबकि साल खत्म होने में बमुश्किल डेढ़ महीना बचा है। यदि वर्ष के अंत से पहले अधिसूचना जारी नहीं की जाती है, तो वर्ष 2021 राज्य सेवा परीक्षा-2021 के लिए शून्य वर्ष बन जाएगा। ऐसे में कई उम्मीदवार जिनके पास अपनी उम्र के कारण पीएससी परीक्षा देने का आखिरी मौका है, अपात्र हो जाएंगे।

बता दें कि MP सरकार ने ओबीसी आरक्षण को 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी कर दिया था। आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट में याचिकाएं चल रही हैं। कोर्ट ने आरक्षण को 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी करने OBC आदेश पर रोक लगा दी थी। हालांकि, इसने स्पष्ट किया था कि सरकार इस मामले में अंतिम फैसला आने तक ओबीसी को 14 फीसदी आरक्षण जारी रख सकती है। याचिका पर फैसला आने तक सरकार 14 फीसदी आरक्षण के साथ चयन प्रक्रिया पूरी कर सकती है। उम्मीदवारों ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने का समय भी मांगा है।


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