कोहिमा, डेस्क रिपोर्ट। देश में जहां रिटायरमेंट आयु (Retirement Age) को लेकर लगातार अधिकारी कर्मचारियों (Employees) की मांग बढ़ती जा रही है। वहीं राज्यसभा में इस पर जवाब देते हुए सरकार ने हाईकोर्ट के जजों (High court Judges) के रिटायरमेंट एज पर बड़ा फैसला दे दिया है। दरअसल सरकार ने कहा कि हाईकोर्ट के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने पर कोई विचार अभी नहीं किया जा रहा है। हालांकि कई राज्य में भी राज्य सरकार से कर्मचारी द्वारा रिटायरमेंट उम्र को बढ़ाने की मांग की जा रही है। जिसमें प्रदेश के डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु को मई 2022 में बढ़ाया गया था। वहीं डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु को 2 वर्ष बढ़ाकर 60 से 62 किया गया था। हालांकि इसके क्रियान्वन में कमी देखी जा रही है।
हालांकि एक बार फिर से सेवानिवृत्ति आयु को बढ़ाकर 62 वर्ष करने की मांग शुरू हो गई है। दरअसल डॉक्टर को अभी भी 60 वर्ष की उम्र में सेवानिवृत्ति देकर उनके जगह पर मेडिकल ऑफिसर की पुनः नियुक्ति की जा रही है। इस मामले में राज्य सरकार और एसोसिएशन के बीच बड़ा विवाद देखने के बाद अब एसोसिएशन ने इस मामले में राज्यपाल से हस्तक्षेप की मांग कर दी है। नागा मदर्स एसोसिएशन ने सेवानिवृत्ति पर NIDA की अनसुलझी मांग पर चिंता व्यक्त की है।
इसके साथ ही राज्यपाल प्रोफ़ेसर जगदीश मुखी (Governor Professor Jagdish Mukhi) को पत्र लिखा है इस ज्ञापन में उन्होंने बताया है कि देश के डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु को बढ़ाकर 65 वर्ष किया गया है। मई 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इसकी घोषणा की गई थी। 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉक्टरों की तीव्र कमी को देखते हुए सेवानिवृत्ति आयु को 65 वर्ष तक बढ़ाने की बात कही थी। इसके साथ ही देश के कई राज्यों में डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु को बढ़ाकर 62 और 65 वर्ष कर दिया गया है। नागालैंड एसोसिएशन ने राज्यपाल को लिखे अपने पत्र में कहा है नागालैंड के पड़ोसी राज्य और पूर्वोत्तर राज्यों के लगभग सभी राज्यों में डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु को बढ़ा दिया गया है जबकि राज्य शासन हमारी मांगों पर विचार नहीं कर रहा है।
वही राज्यपाल से हस्तक्षेप करने की मांग के साथ यह नई अपडेट सामने आई है। NMA ने कहा है कि जनहित याचिकाओं के कारण राज्य के विभिन्न हिस्से के कई स्वास्थ्य केंद्र सहित जिला अस्पताल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आदि आज बेहतर सुविधाएं लेकिन डॉक्टरों की भारी कमी झेल रहे हैं। ऐसे में अब इसके लिए उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के माध्यम से बेहतर स्वास्थ्य सेवा के लिए पीआईएल दायर किया जाएगा और राज्य के पूर्व राज्यपाल और अधिकारियों को पत्र और ज्ञापन सौंपा जाएगा। वही राज्यपाल से अपील करते हुए मैंने उनसे पूर्ण समर्थन देने की मांग की और तनावपूर्ण स्थिति की समीक्षा कर इस मामले को सुलझाने की अपील की है।
नागालैंड मदर्स एसोसिएशन ने ज्ञापन में लिखा है कि राज्य सरकार द्वारा प्रधानमंत्री के निर्देश का उल्लंघन किया जा रहा है और अनुभवी डॉक्टरों की सेवा को बनाए रखने से इंकार कर नागरिकों के जीवन को खतरे में डाला जा रहा है। वही नागालैंड मदर्स एसोसिएशन का कहना है कि राज्य में 5 नए जिलों के निर्माण और दो मेडिकल कॉलेज के स्थापित होने के साथ ही डॉक्टरों की आवश्यकता पड़ेगी ऐसे में राज्य सरकार से अपेक्षा की जा रही है कि वह डॉक्टर के अधिक पद सृजित करें और चिकित्सा व्यवस्था में आ रही चिकित्सकों की कमी को देखते हुए रिटायरमेंट उम्र को बढ़ाएं जाने पर विचार करें।
NMA ने लिखे पत्र में कहा है की माताओं के रूप में डॉक्टर ने जेएसवाई और जेएसएसके जैसे एनआरएचएम के माध्यम से बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने में काफी सफल रही और महिलाओं के लिए योजनाओं के संचालन में भी उनकी सक्रिय भागीदारी देखी गई है। ऐसे में एनएमए द्वारा मांग की गई है कि डॉक्टरों कि सेवानिवृत्ति आयु को 2 वर्ष बढ़ाया जाना चाहिए और उन्हें 60 वर्ष में रिटायर नहीं किया जाना चाहिए।